Jaipur Gas Blast: जयपुर के भांकरोटा में टैंकर ब्लास्ट हादसे के बाद हाईवे पर चीख-पुकार मच गई। वाहनों में से जलते हुए लोग बचाने की गुहार लगाते हुए हाईवे पर दौड़ते नजर आए। प्रत्यक्षदर्शी भी आग का दरिया बने हाईवे पर लोग मदद नहीं कर सके। कुछ लोग आग की लपटों में से जलते हुए निकल कर आए, जिन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। मंजर ऐसा था कि बचने के लिए भागने वाले कई लोगों ने सड़क पर गिरकर दम तोड़ दिया।
इस हादसे ने जयपुर के टोंक रोड पर ठीक 15 साल पहले सीतापुरा में आईओसीएल के डिपो में विस्फोट के साथ लगी आग की घटना की यादों को ताजा कर दिया। इस घटना में भी 11 लोगों ने जान गंवाई थी।
कैमरे में कैद मंजर
पूरा मंजर एक सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुआ है। इसके अनुसार सुबह 5.45 बजे अजमेर से जयपुर की तरफ गैस टैंकर आता दिख रहा है। यह टैंकर डिवाइडर के कट पर यू-टर्न करने के लिए घूमता है, तभी जयपुर से अजमेर की तरफ जा रहा कंटेनर टैंकर में घुस गया। ट्रैकर से गैस का रिसाव हो गया। टैंकर से करीब 3 मिनट 23 सेकंड तक धुआं निकलता रहा और फिर आग का गोला फूटा।
हादसे को लेकर सवाल उठ रहा है कि क्या यह अग्निकांड सरकारी लापरवाही का नतीजा है। इस हादसे को मैनमेड (मानव निर्मित) भी कहा जा सकता है। बेशक ये हादसा ड्राइवरों की लापरवाही है, लेकिन जिस हाईवे पर हर घंटे हजारों वाहन निकल रहे हों वहां सरकारों ने बीते 6-7 वर्षों से गंभीर जानलेवा लापरवाही कर रखी है। जगह- जगह कट व अन्य खामियां दुर्घटनाओं का बड़ा कारण बन रही हैं।
इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई, इनमें 13 लोगों की एसएमएस अस्पताल और एक की जयपुरिया अस्पताल में मौत हो गई। 31 लोग गंभीर रूप घायल हैं, जबकि 27 लोग 80 फीसदी से ज्यादा झुलस गए हैं। जिनमें कई की स्थिति गंभीर है। अजमेर रोड पर हादसा इतना खतरनाक था कि आग के गोले उठते रहे और आस-पास के क्षेत्र में 41 वाहनों को चपेट में ले लिया।