बताया गया, नागौद ब्लाक के जसो संकुल स्थित एक शाला एक परिसर विद्यालय उमावि चुनहा है। शनिवार को यहां के प्राचार्य बालेंद्र पाण्डेय निरीक्षण में निकले। दोपहर 1.45 बजे जब वे कक्षा तीसरी में पहुंचे तो, यह देखकर हैरान रह गए कि बच्चे बैठे अपने से पढ़ाई कर रहे हैं और प्राथमिक शिक्षक सुवेंद्र सिंह आराम से सो रहे हैं। इसके बाद प्राचार्य ने शिक्षक को उठने के लिए कहा पर शिक्षक सोते ही रहे। इसके बाद प्राचार्य ने फोटो खींची और बच्चों को उन्हें उठाने को कहा। किसी तरह से शिक्षक उठे और तबीयत खराब होने की बात कहते हुए मामले को टालने की कोशिश की।
माध्यमिक स्तर की कक्षाओं के पठन-पाठन में भारत सरकार के नीति आयोग की रिपोर्ट में लगातार प्रदेश के फिसड्डी जिलों में सतना शामिल हो रहा है। इसके बाद भी जिले की शैक्षणिक व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही। विभागीय अधिकारियों के निरीक्षण और अनुवर्तन में कसावट न होने से शिक्षकों में पठन पाठन को लेकर कोई खौफ नहीं है।
प्राचार्य बालेंद्र पाण्डेय ने विभाग के आधिकारिक ग्रुप में फोटो डालते हुए लिखा कि कई बार समझाइश और कारण बताओ नोटिस के बाद भी प्राथमिक शिक्षक सुवेन्द्र सिंह शिक्षण कक्ष में विद्यार्थियों के बीच सोते रहते हैं। यह शनिवार की दोपहर 1.45 बजे का दृश्य है। कृपया निरीक्षण कर समस्या का निदान करें।
शनिवार को प्राचार्य की आधिकारिक जानकारी दिए जाने के बाद भी कक्षा में सोने वाले शिक्षक पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। सोमवार को यह फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी देर शाम तक कोई कार्रवाई नहीं कर सके थे।
फोटो को संभागायुक्त डॉ अशोक भार्गव ने तत्काल संज्ञान में लिया और कलेक्टर को मामले को देखने कहा। उधर जिपं सीईओ एवं अपर संचालक स्कूल शिक्षा ऋजु बाफना ने भी डीपीसी को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।