आईटीआई कॉलेज में फिटर के लिए 20 सीट, टर्नर के लिए 20 सीट, मशीनिष्ट के लिए 20 सीट, इलेक्ट्रिशियन के लिए 40 सीट, बेल्डर के लिए 40 सीट, कारपेंटर के लिए 48 सीट, ट्रैक्टर मकैनिक के लिए 40 सीट, डीजल मकैनिक 48 सीट, कोपा के लिए 48 सीट, कम्प्यूटर हार्डवेयर एण्ड नेटवर्किंग के लिए 48 सीट, इलेक्ट्रनिक मकैनिक के लिए 24 सीट, हाडवेयर कम्प्यूटर के लिए 40 सीट, फैशन टेक्नालाजी 40 सीट निर्धारित की गई है।
आईटीआई प्राचार्य ने बताया कि 25 जून से ऑनलाइन पंजीयन की प्रक्रिया चालू होकर 16 जुलाई को खत्म हो चुकी है। जुलाई के लास्ट और अगस्त की शुरुआत तक बच्चों के एडमिशन की प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी। सतना जिले में अग्रणी शासकीय आईटीआई के अलावा उचेहरा, मैहर, अमरपाटन, न्यू रामनगर, बिरसिंहपुर और बरौंधा में संचालित हो रही है। ओवर हाल सतना जिले में सात सरकारी आईटीआई और आठ निजी आईटीआई संचालित हो रही है।
प्रार्थना के समय ब्लैक बोर्ड में लिखी ये चंद लाइन ‘रोजगार की पढ़ाई, चलो आईटीआई’ बच्चों के लिए नजीर बनी हुई है। कॉलेज में दाखिला लेते ही बच्चे सकारात्मक ऊर्जा के साथ आईटीआई करते है। ये कोर्स करते-करते बच्चे स्वयं रोजगार के लिए सजग हो जाते है। जैसे ही रिजल्ट और डिग्री आती है। वह अपने-अपने क्षेत्र की ओर चले जाते है।
सरकार द्वारा कम पैसे में आईटीआई के रूप में तकनीकी शिक्षा दी जा रही है। यहां सभी कोर्सों में लगभग 35 सौ रुपए के आसपास फीस लगती है। वहीं एससी-एसटी, अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों सहित आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के 10 प्रतिशत लोगों को छात्रवृति देने का प्रावधान है। आईटीआई दो बैचों में संचालित होती है। पहला बैच सुबह 7.30 बजे से शाम 3.30 बजे तक चलता है। जबकि दूसरा बैच सुबह 8.30 से शुरू होकर शाम 5 बजे तक संचालित होता है। आईटीआई कैम्पस के अंदर प्रेट्रिकल के लिए पर्याप्त संसाधन है। कोर्स बार मशीनों को खुद छात्र चलाते है। प्रेट्रिकल कक्ष के अंदर भी कई कक्षाएं चलती है।
पीएस बेलवंसी, प्राचार्य आईटीआई कॉलेज