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ट्रक चालकों से रेत परिवहन के कि मांगे गए तो उनके पास ईटीपी (electronic transit pass) नहीं मिला। चालकों ने यूरेका माइंस एंड मिनरल के नाम पर पन्ना जिले के बहेरा में चल रहे रेत के स्टॉक का गेट पास दिखाया, लेकिन वैधानिक दस्तावेज न होने से ट्रकों की जब्ती बनाकर टीम ने वाहन नागौद थाने में खड़ा करा दिया।
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क्यूआर काड स्कैन करते हा खुली पोल
जिला खनिज अधिकारी जब प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई करने वाले थे, तभी वाहन मालिक जिला खनिज अधिकारी सत्येन्द्र सिंह के पास पहुंचा और कहा कि उसके पास ईटीपी है। इस पर अधिकारी ने ईटीपी क्रमांक पोर्टल पर डाला तो वहां नहीं दिखा। इसके बाद ईटीपी में बने क्यूआर कोड को स्कैन किया। आए कोड स्कैन होते ही अधिकारी के सामने संबंधित ट्रक नम्बर और ईटीपी खुल गई। खनिज अधिकारी के सामने जैसे ही ईटीपी खुली तो पाया कि यह खनिज पोर्टल की लिंक ही नहीं है। उन्हें समझते देर नहीं लगी कि कोई सरकारी खनिज पोर्टल के समानांतर खुद का पोर्टल बनाकर फर्जी ईटीपी जारी कर रहा था।
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पोर्टल पर उल्लेख नहीं
ट्रक रोकने के बाद खनिज अधिकारी ने जब ई-खनिज पोर्टल पर दोनों वाहनों के नंबर डाले तो इन नंबरों से कोई ईटीपी जारी होना नहीं मिला। लिहाजा, अवैध परिवहन का मामला मानते हुए कार्रवाई शुरू की गई।
बंद मिली मेन ईटीपी
जब पन्ना स्थित संबंधित रेत खदान की फर्जी ईटीपी की जानकारी पन्ना के खनिज अधिकारी से दी तो पता चला कि
जिस स्टॉक से रेत लाई जा रही थी, वहां की ईटीपी बंद है।