सांसद ने क्षेत्र के विकास के लिए निधि का उपयोग किया, लेकिन बस स्टैंड के करीब सांसद निधि से ट्रांसफार्मर लगाने को लेकर विवादों में भी घिरे।
अधूरे रहे काम
सांसद आदर्श गांव में कई काम अब भी अधूरे हैं। पांच लाख की लागत से आयुर्वेद औषधालय और 10 लाख की लागत से उप स्वास्थ्य केंद्र भवन के निर्माण को हरी झंडी दी गई, पर यह काम आज भी प्रगति पर है। इसी तरह नलजल योजना का स्वीकृत कार्य पूरा नहीं हो सका है। सामुदायिक भवन बनकर तैयार है, लेकिन रंग-रोगन नहीं होने से बिल्डिंग बेमानी है।
सांसद ने विकास के लिए बुनियादी संसाधनों पर जोर दिया। पेयजल पर सबसे ज्यादा रकम खर्च की। इसके अलावा विद्युतीकरण, भवन निर्माण व सडक़ को लेकर दरियादिली दिखाई। सांसद ने संसदीय क्षेत्र में पेयजल के लिए 10.96 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। उन्होंने ग्राम पंचायतों को 500 से ज्यादा टैंकर दिए। जबकि विद्युतीकरण के लिए 765.97 लाख, भवन निर्माण के लिए 551.42 लाख व सडक़ के लिए 536 लाख रुपए खर्च किए हैं।
विधानसभावार देखा जाए तो उन्होंने जिले की सबसे ज्यादा खर्च सतना व रामपुर में किया है। अमरपाटन में सबसे कम किए हैं। यहां से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र सिंह विधायक थे। हालांकि, नई सरकार में भाजपा के रामखेलावन विधायक हैं। सांसद निधि से रामपुर में 578.17 लाख, सतना में 484.4 लाख, अमरपाटन में 280.54 लाख, मैहर में 323.98 लाख, नागौद में 332.61 लाख, रैगांव में 335.52 लाख, चित्रकूट में 350.83 लाख खर्च की गई है। साल दर साल खर्च की बात करें तो 2014-15 में 64.54 लाख, 2015-16 में 624.50 लाख, 2016-17 में 952.94 लाख, 2017-18 में 468.15 लाख व 2018-19 में 345.20 लाख खर्च किए गए हैं।