सतना। सृष्टि अपने माता पिता की इकलौती संतान थी। उसका सपना था कि बड़ी होकर पापा के जैसे क्लीनिक चलाए। पिता ने उसके सपने को पंख दिए। अपनी इकलौती संतान को डॉक्टरी की पढ़ाई करने के लिए रूस भेजा। एमबीबीएस का चौथा साल था उसका रूस में। 11 अक्टूबर को दोस्तों के साथ वो पिकनिक मनाने गई थी। लौटते वक्त उनकी गाड़ी हवा से बाते कर रही थी। सभी साथी सीट बेल्ट लगाए थे सिवाय सृष्टि के। अचानक एक एक्सीडेंट होता है और कार पलट जाती है। यहां पर सृष्टि की ऑन स्पॉट डेथ हो जाती है। भारत सरकार अब रूस से सृष्टि का शव लाने आवश्यक खानापूर्ति कर रही है और इसके लिए दूतावास सक्रिय है। इधर सृष्टि के मैहर निवासी माता पिता का बुरा हाल है। घर सहित मोहल्ले में मातम की स्थिति है।
बश्किर यूनिवर्सिटी से कर रही थी एमबीबीएस मैहर पुरानी बस्ती निवासी सृष्टि शर्मा पिता डॉ रामकुमार शर्मा अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई रूस (रशिया) से कर रही थी। एबीबीएस के लिए उन्होंने रूस के ऊफा शहर स्थित बश्किर यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था। इस साल यूनिवर्सिटी में उसका एमबीबीएस का फाइनल इयर था। फिर उसकी घर वापसी होनी थी। शुक्रवार को अपने दोस्तों के साथ सृष्टि ने पिकनिक पर जाने का प्लान बनाया था और अपने 6 अन्य दोस्तों के साथ कार पर लांग टूर के लिए निकले थे।
इस तरह हुआ हादसा जानकारी के अनुसार शक्रवार 11 अक्टूबर की दोपहर रूस के बश्कोर्तोस्तान गणराज्य के ब्लागोवार्स्की जिले में यह सड़क हादसा हुआ। यह कार एक्सीडेंट एम-5 यूराल संघीय राजमार्ग पर दिन के उजाले में हुई। रसियन मीडिया के मुताबिक लाडा लार्गस राजमार्ग के 1413वें किलोमीटर पर कार आगे बढ़ रही थी, तभी कार चला रहे 24 वर्षीय युवक ने वाहन से अपना नियंत्रण खो दिया। परिणाम स्वरूप कार रोड के किनारे लगी रेलिंग से टकराकर पलट गई। हादसे के वक्त कार में सात लोग थे। हादसे में 22 वर्षीय सृष्टि की मौके पर ही मौत हो गई। ड्राइवर सहित बाकी सभी 6 लोग मामूली चोटों के साथ सीट बेल्ट बांधे होने के कारण बच गए। बताया गया है कि रेलिंग से टक्कत इतनी तेज थी कि कार का पहिया अलग होकर दूर चला गया। कार के गेट भी खुल गए। जिससे सृष्टि गेट के बाहर आ गई क्योंकि उसने सीट बेल्ट नहीं पहना था। बाहर गिरते ही पलटी हुई कार की चपेट में आकर उसके साथ घिसटते हुए चली गई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
बेसुध हो गए माता पिता मैहर निवासी जोया नामक छात्रा जो सृष्टि की जूनियर है और वो भी रूस में सृष्टि की यूनिवर्सिटी से ही एमबीबीएस कर रही है, उसने दुर्घटना की जानकारी मैहर स्थित अपने घर में पिता कलीम को बताई। हालांकि जोया सृष्टि के हॉस्टर से इतर किसी अन्य हॉस्टल में रहती है, लेकिन जैसे ही उसे सूचना मिली तो उसने तत्काल अपने पिता को यह जानकारी देते हुए सृष्टि के परिजनों को सूचना देने कहा। हादसे की जानकारी मिलते ही कलीम तत्काल सृष्टि के पिता डॉ रामकुमार शर्मा और उसकी मां ममता के पास पहुंचे और उन्हें यह दुःखद खबर सुनाई। अपनी इकलौती संतान सृष्टि की मौत की खबर सुनते ही माता – पिता का की हालत खराब हो गई है। पूरे घर में मातम की स्थिति है।
पापा को बचपन से इलाज करते देखा सृष्टि अपने पिता को बचपन से लोगों का इलाज करते देखा था। उनके पिता का मैहर में ही क्लीनिक है जहां लोगों का सस्ती दर पर इलाज करते है। पिता को देखकर ही उसने तय किया था कि वह भी डाक्टर बनेगी और पिता की ही तरह क्लीनिक में बैठ कर लोगों का इलाज करुंगी। बेटी के इसी सपने को पूरा करने के लिए पिता ने सृष्टि को MBBS करने रशिया भेजा था। इसी साल उसकी पढ़ाई पूरी होने वाली थी।
रक्षाबंधन पर आई थी मैहर सृष्टि रक्षा बंधन के त्यौहार पर अपने घर मैहर आई थी। इस दौरान वह यहां कई दिन रही। तीज त्यौहार के बाद वह वापस रशिया गई थी। जाते वक्त उसने अपने पिता से कहा था कि अब ये उसकी पढ़ाई का आखिरी साल है। वह वापस मैहर आएगी और क्लीनिक चलाएगी।
गृह सचिव ने भारत सरकार को लिखा पत्र रशिया में रह रही सृष्टि के निधन का समाचार मिलने के बाद मध्यप्रदेश सरकार के गृह सचिव गौरव सिंह राजपूत ने भारत सरकार के विदेश सचिव को पत्र लिख कर रशिया से पार्थिव देह हिन्दुस्तान लाने में मदद की बात कही है। दूतावास सूत्रों के अनुसार सोमवार तक सृष्टि का शव भारत पहुंच सकता है।