ऊंचाहार विधानसभा क्षेत्र एक ऐसी सीट है, जहां सपा का कब्जा रहा है। राम मंदिर आंदोलन हो या फिर मोदी लहर रही हो, यहां भाजपा प्रत्याशी काे मायूसी ही हाथ लगी है। इस सीट पर पहली बार 2012 में चुनाव हुआ था। सपा से मनोज पांडेय 2012 में जीते। इसके बाद फिर वह चुनाव 2017 में भी जीते। इसी सीट पर वह दूसरी विधायक हैं। इस सीट पर भाजपा अपना परचम लहराने के लिए प्रयासरत है। इसकी वजह यह है कि 2017 के चुनाव में जीत-हार अंतर महज 1934 वोटों का अंतर था। जबकि समाजवादी पार्टी इस सीट पर एक बार फिर से चुनाव जीत कर हैट्रिक लगाना चाहती है।
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Bachhrawan Assembly Seat : कभी कांग्रेस की हुआ करती थी बछरावां सीट, अब सपा दे रही भाजपा को चुनौती प्रमुख समस्याएं ऊंचाहार विधानसभा क्षेत्र की सबसे प्रमुख समस्या की बात करें तो वह है, यहां की जर्जर सड़कें। यहां करीब 170 सड़कें पूरी तरह से टूट चुकी हैं। इस कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी के साथ ऊंचाहार के कई पुलों की हालत इतनी जर्जर हो चली है कि वहां से चार पहिया वाहनों का निकलना भी मुश्किल है। बारिश के दिनों में क्षेत्र की सड़कों पर पानी और कीचड़ जमा हो जाता है। यहां की जनता कई बार इन समस्याओं को लेकर अपनी आवाज उठा चुकी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसके अलावा यहां बेरोजगारी भी बड़ी समस्या है। रोजगार के अवसरों की कमी के कारण लोगों घर छोड़कर शहर जाना पड़ता है।
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Harchandpur Assembly Seat : 2017 में नहीं चल सकी थी मोदी लहर, इस बार भाजपा ने झोंकी ताकत 2017 के चुनाव परिणाम – समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी मनोज पांडेय को कुल 59103 मत मिले।
– भाजपा प्रत्याशी उत्कृष्ट मौर्य को कुल 57169 मत मिले।
– बसपा प्रत्याशी विवेक सिंह को कुल 45356 मत मिले।
– जीत का अंतर 1934 मतों का रहा था।
– बसपा प्रत्याशी उत्कृष्ट मौर्य को 59348 मत मिले। – कांग्रेस प्रत्याशी अजय पाल सिंह को 47898 मत मिले। – जीत का अंतर 2582 मतों का रहा था। यह भी पढ़ें-
Sareni Assembly Seat : सरेनी विधानसभा जहां चलती थी कांग्रेस की हवा, अब है भाजपा का कब्जा