scriptHarchandpur Assembly Seat : 2017 में नहीं चल सकी थी मोदी लहर, इस बार भाजपा ने झोंकी ताकत | up assembly elections 2022 about harchandpur assembly seat | Patrika News
संवाद सेतु

Harchandpur Assembly Seat : 2017 में नहीं चल सकी थी मोदी लहर, इस बार भाजपा ने झोंकी ताकत

Harchandpur Assembly Seat : ‘पत्रिका’ ग्रुप जनता और समाचार पत्र के बीच सीधे संवाद को मानता है, ताकि जनता की बात सरकार और सरकार की बात जनता तक पहुंचे। इसे लेकर कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में 12 दिसंबर रविवार को संवाद सेतु कार्यक्रम के तहत पत्रिका ग्रुप के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी संबोधित करेंगे।

Dec 11, 2021 / 04:42 pm

lokesh verma

harchandpur-assembly-seat.jpg
रायबरेली. यूपी में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं, क्योंकि चुनाव में अब बेहद कम समय रह गया है। हर विधानसभा क्षेत्र में सभी पार्टियां अपनी-अपनी साख को चमकाने में लगी हुई हैं। 2017 के चुनाव में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला, लेकिन बरेली की हरचंदपुर विधानसभा सीट पर मोदी की लहर भी काम नहीं आई थी। इस सीट पर 2017 में कांग्रेस ने भाजपा काे हराकर सीट पर कब्जा जमाया था। यह अलग बात है कि मुकाबला तगड़ा हुआ, लेकिन जीत कांग्रेस के नाम रही। 2012 में अस्तित्व में आई इस सीट सपा और कांग्रेस का कब्जा रहा है, लेकिन आज भी क्षेत्र की जनता विकास की बाट जोह रही है। यहां सड़क, बिजली और पानी समेत कई ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर बार चुनाव लड़ा जाता है, लेकिन जीतने के बाद जनप्रतिनिधि खुद अपने वादों को भूल जाते हैं। जनता के उन्हीं मुद्दों को उठाने के लिए 12 दिसंबर रविवार को रायबरेली में ‘पत्रिका’ का संवाद सेतु कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से खुद ‘पत्रिका’ ग्रुप के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी शहर के प्रबुद्ध वर्ग से कम से कम पांच प्रमुख समस्याओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
रायबरेली में 2012 में लगभग सभी विधानसभा सीटों पर बदलाव देखने को मिला था। इसी दौरान पुनरीक्षण में सदर समेत ऊंचाहार विधानसभा सीटों के क्षेत्रों में भी बदलाव हुआ था। इन विधानसभाओं के क्षेत्र बछरावां, हरचंदपुर और तिलोई विधान सभा सीट में जुड़ गए थे। इस तरह वर्ष 2012 में हरचंदपुर विधानसभा सीट अस्तित्व में आई थी। यहां पहली बार विधानसभा चुनाव हुआ और पहली ही बार समाजवादी पार्टी को जीत मिली। हालांकि यह सीट कांग्रेस का गढ़ था, लेकिन सपा प्रत्याशी सुरेंद्र विक्रम सिंह ने बाजी मारी। कांग्रेस प्रत्याशी शिव गणेश 14193 मतों से हार गए। इस सीट पर पीस पार्टी के साथ गठबंधन में उतरे मनीष कुमार सिंह उस समय तीसरे नंबर पर रहे थे। जबकि बसपा के जय नारायण चौथे नंबर पर रहे। भाजपा इस सीट पर उस समय पांचवें स्थान पर ही पहुंच पाई थी।
यह भी पढ़ें- Raebareli Sadar Assembly Seat : कांग्रेस के गढ़ में पहली बार कमल खिलने के आसार, पेयजल की गंभीर समस्या से जूझ रही जनता

प्रमुख समस्याएं

हरचंदपुर विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख समस्या पेयजल, सिंचाई, सड़क, बिजली और रोजगार की है। यहां ग्रामीण क्षेत्र के पीने के पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक है, जिस कारण लोग बीमारियों से परेशान हैं। इसके साथ ही सिंचाई की समस्या भी प्रमुख है। शारदा सहायक होने के बावजूद अधिकतर किसान सिंचाई से वंचित हैं। पूरे जिले की तरह इस विधानसभा क्षेत्र की सड़कें भी जर्जर हैं। वहीं बिजली संकट भी बना रहता है। इसके साथ ही रोजगार के साधन नहीं होने के चलते युवाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
2017 के चुनाव परिणाम

– कांग्रेस प्रत्याशी राकेश सिंह को कुल 65104 मत मिले।

– भाजपा प्रत्याशी कंचन लोधी को 61452 मत मिले।

– बसपा प्रत्याशी मनीष सिंह 45057 मत मिले।- जीत का अंतर 3652 मतों का रहा।
2012 के चुनाव परिणाम

– समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुरेंद्र विक्रम सिंह को कुल 51262 वोट मिले।

– कांग्रेस प्रत्याशी शिवगणेश लोधी को 37069 वोट मिले।

– पीईसीपी के प्रत्याशी मनीष कुमार सिंह को 26969 वोट मिले।

Hindi News / Samvad Setu / Harchandpur Assembly Seat : 2017 में नहीं चल सकी थी मोदी लहर, इस बार भाजपा ने झोंकी ताकत

ट्रेंडिंग वीडियो