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संवाद सेतु

लखनऊ में प्रदूषण रोकने में जिला प्रशासन बेबस, पुराने वाहन और बेतरतीब निर्माण भी है समस्या

– आश्चर्य होगा यह जानकर कि देश का सबसे प्रदूषित शहर लखनऊ बन गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, लखनऊ की हवा देश में सबसे जहरीली है। लखनऊ में प्रदूषण के मामले में तालकटोरा हमेशा नम्बर वन रहता है। विशेषज्ञों के अनुसार, मौसम और यातायात की वजह से राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता इंडेक्स (एक्यूआई) हमेशा 255 रहता है। लालबाग, सेंट्रल स्कूल अलीगंज, राजाजीपुरम, हजरतगंज, लालबाग, कैसरबाग, नजरबाग, रॉयल होटल, नजरबाग आदि इलाकों की हवा में जहर कुछ ज्यादा मात्रा में घुली हुई है। मौसम और व

Dec 09, 2021 / 12:32 pm

Sanjay Kumar Srivastava

लखनऊ में प्रदूषण रोकने में जिला प्रशासन बेबस, पुराने वाहन और बेतरतीब निर्माण भी है समस्या

लखनऊ में प्रदूषण रोकने में जिला प्रशासन बेबस, पुराने वाहन और बेतरतीब निर्माण भी है समस्या

लखनऊ. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 का वक्त तेजी से करीब आ रहा है। राजधानी लखनऊ देश की राजनीति में अहम भूमिका निभाती है। लखनऊ सांसद और मोहनलालगंज सांसद दोनों ही केंद्र में मंत्री हैं। लखनऊ जिला यूपी की राजनीति की सबसे हॉट सीट होने के साथ विकास के नए मानदंडों में अव्वल में है। पर कुछ मुद्दे हैं जिनसे लखनऊ की जनता बेहद परेशान है। लखनऊ शहर में प्रदूषण, पुराने वाहन और बेतरतीब निर्माण कार्य एक बड़ी समस्या है। सरकार तो नियम कानून बनाती है पर निचले स्तर पर अफसरों और कर्मचारियों की अनदेखी जनता को भारी पड़ती है। देखिए शहर की नौ विधानसभा क्षेत्र के प्रदूषण का हाल :-
1. लखनऊ सेंट्रल में हालात खराब

इस विधानसभा क्षेत्र में अमीनाबाद, कैसरबाग, हजरतगंज, पत्रकारपुरम, जनेश्वर मिश्र पार्क का कुछ इलाका गोमती नगर का भी आता है। अमीनाबाद, कैसरबाग, हजरतगंज शहर का दिल है। बृजेश पाठक विधानसभा सदस्य हैं। और वह यूपी सरकार में मंत्री हैं। पर प्रदूषण, पुराने वाहन और बेतरतीब निर्माण कार्य पर अगर बात करें तो हालात बहुत खराब हैं। लखनऊ में लालबाग इस वक्त प्रदूषण मामले में नम्बर एक हो गया। पुराने वाहन इस समस्या में सोने पर सुहागे की तरह हैं। रहीं बेतरतीब निर्माण कार्य इस इलाके में कहीं भी देखने को मिल जाएगा।
2. लखनऊ कैंट सेना का इलाका

इस विधानसभा क्षेत्र में आलमबाग, चारबाग, दिलकुशा गार्डन, मरी माता का मंदिर, सदर, कैंट सहित कई इलाके आते हैं। कैंट विधानसभा क्षेत्र में करीब पौने चार लाख मतदाता हैं। यहां मध्य कमान का मुख्यालय होने के चलते सेना के भी तमाम वोटर यहां हैं। यहां से विधायक सुरेश तिवारी हैं। लखनऊ के अन्य इलाकों की तुलना में यहा पर प्रदूषण, बेतरतीब निर्माण कार्य देखने को कम मिलता है। क्योंकि अधिकतर इलाका सेना के अंदर आता है। पर बचे हुए इलाकों में तीनों समस्याएं अपने शबाब पर हैं।
3. सरोजनी नगर में प्रदूषण कम पर निर्माण कार्य भरपूर

सरोजनी नगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की स्वाति सिंह विधायक हैं। और सरकार में मंत्री भी हैं। कानपुर रोड पर बसे इस इलाके में अमौसी, हरौनी, कल्ली पश्चिम, बिजनौर, अहिमामउ, बंथरा आदि कई ग्रामीण इलाके आते हैं। प्रदूषण अन्य इलाकों की तुलना में कम है। पर निर्माण कार्य पर कोई रोक नहीं है। कहीं से भी कोई नियमों को तोड़ता रहता है। ग्रामीण इलाका होने से जमीनें सस्ती हैं। तो बिल्डर के लिए तो यह सोने की खान है। जनता भी परेशान है।
4. लखनऊ नॉर्थ में बहुत प्रदूषण है

लखनऊ नॉर्थ के मुखिया भाजपा के डा. नीरज बोरा हैं। इस क्षेत्र में लखनऊ के कई विकसित इलाके आते हैं। साथ ही कुछ नवनिर्मित इलाके भी इसमें शामिल है। मडियावं, जानकीपुरम, केशवनगर, अलीगंज, रेजीडेंसी, छोटा इमामबाड़ा जैसे मशहूर इलाके हैं। इन इलाकों में ट्रैफिक बहुत है। उद्योग धन्धे ढेर सारे हैं। प्रदूषण जमकर होता है। पुराने मकान है, लोग उसमें बदलाव करते हैं पर नियमों का पालन कम ही होता है। तो लोग पहले से ही अपने नाक-मुंह पर कपड़ा रख कर चलते थे।
लखनऊ में प्रदूषण रोकने में जिला प्रशासन बेबस, पुराने वाहन और बेतरतीब निर्माण भी है समस्या
5. लखनऊ ईस्ट में ट्रैफिक का लोड़ जबरदस्त

लखनऊ ईस्ट विधानसभा क्षेत्र से यूपी में भाजपा सरकार के मंत्री आशुतोष टंडन पर इस इलाके की जिम्मेदारी है। वहीं यहां से एमएलए हैं। इस क्षेत्र में कुकरैल पिकनिक स्पाट, विकास नगर, मुंशी पुलिया, इंदिरानगर, महानगर लेखराज, मार्केट और गोमती नगर का कुछ इलाका इसमें शामिल है। प्रदूषण की लिस्ट में हवा की स्थिति यहां बेहद गंभीर है।
6. लखनऊ वेस्ट में सबसे अधिक प्रदूषण

इस क्षेत्र में अधिकतर इलाका राजाजीपुरम का आता है। जिसमें कुछ चौक तो कुछ आलमबाग का इलाका शामिल है। राजाजीपुरम में एक बड़ा इलाका तालकटोरा का आता है। लखनऊ में प्रदूषण के मामले में तालकटोरा हमेशा नम्बर एक रहता है। पर जनता कुछ नहीं कर सकती है। यहां पर पुराने वाहन और बेतरतीब निर्माण कार्य के केस कम ही है। इस क्षेत्र की बागडोर भाजपा विधायक सुरेश कुमार श्रीवास्तव निभाते थे पर उनके निधन के बाद से यह सीट खाली है।
7. बख्शी का तालाब इलाके में कई अवैध कालोनियां

बख्शी का तालाब लखनऊ का नवनिर्मित क्षेत्र है। यहां अधिकतर इलाका ग्रामीण क्षेत्र से सम्बंधित है। जुग्गौर, देवरिया, गुडब्बा, बेहटा, कैथवारा, इंटौजा जैसे ग्रामीण क्ष़ेत्र इसमें आते हैं। भाजपा के अविनाश त्रिवेदी यहां से विधायक हैं। लखनऊ सीतापुर मुख्य मार्ग पर हैवी ट्रैफिक हमेशा बना रहता है। जिससे भारी मात्रा में धुंआ निकलता है। कुछ इलाकों में प्रदूषण की स्थिति बहुत खराक है। बाकी निर्माण कर जोरों पर है। कई अवैध कालोनियां है। जो दिक्कत पैदा कर रहीं हैं।
लखनऊ में प्रदूषण रोकने में जिला प्रशासन बेबस, पुराने वाहन और बेतरतीब निर्माण भी है समस्या
8. मोहनलालगंज में प्रदूषण का स्तर है कम

मोहनलालगंज विधानसभा क्षेत्र से सपा के अंबरीष सिंह पुष्कर विधायक हैं। निगोहां, नगराम, मोहनलालगंज, गंगागंज, बक्कस जैसे बड़े ग्रामीण इलाके इस क्षेत्र में शामिल है। इस क्षेत्र से दो बड़ी सड़कें गुजरती हैं। एक सुलतानपुर जाने के निए और एक इलाहाबाद जाने के लिए। ग्रामीण इलाके होने से प्रदूषण का स्तर तो कम है। पर अवैध निर्माण बड़ी समस्या है।
संवाद सेतु कार्यक्रम से निकलेगा जनता की समस्याओं का हल

9. मलिहाबाद क्षेत्र में अवैध निर्माण बड़ी समस्या

मलिहाबाद विधानसभा क्षेत्र की कमान भाजपा के जया देवी के पास है। कबाब के लिए ककोरी क्षेत्र इसी विधानसभा का अंग है। बाकी सभी ग्रामीण क्षेत्र है। विकास हो रहा है। अच्छी सड़कें यहां की जरूरत हैं। यहां भी प्रदूषण बड़ी समस्या नहीं है पर अवैध निर्माण बड़ी समस्या है।

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