मुफ्ती अहमद गोड ने कहा कि चंद्रशेखर को हिरासत में लिए जाने पर जो वजह बताई जा गई है कि वह आचार संहिता का उल्लंघन और धारा 144 का उल्लंघन कर रहे थे। लेकिन इस तरह हिरासत में लेने वाले मामले में कई सवाल पैदा होते हैं। उन्होंने कहा कि अगर चंद्रशेखर को परमिशन दी थी तो हिरासत मे क्यों लिया गया। अगर परमिशन नहीं दी थी तो सहारनपुर से लेकर देवबन्द तक इतनी बड़ी भीड़ इकट्ठा होकर एक समूह में कैसे देवबन्द तक पहुंच गई। क्या यह राज्य सरकार और प्रशासन की मिलीभगत थी, क्या भाजपा को या महसूस हो रहा था कि 2019 उनका नहीं है, ऐसी ताकतों को जो उनके खिलाफ आवाज उठा रही है ऐसी आवाज को बंद करने के लिए चन्द्रशेखर को हिरासत में लिया गया जो लोग दलितों पिछड़ों की आवाज उठाने का दावा करते हैं।
दलितों की आवाज उठाना और उनकी लड़ाई लड़ना अगर जुर्म है तो फिर इस प्रजातंत्र का क्या मतलब है भारतीय जनता पार्टी द्वारा सत्ता में आने के लिए लोकतांत्रिक अधिकारियों को कुचल कर सत्ता में आने की जिद पकड़ चुकी है जो हमारे देश के लिए बहुत हानिकारक होगा।