नगर पालिका प्रबंधन ने हाल ही में हुए परिषद के सम्मेलन में कुछ बिंदु शामिल किए थे, जिसमें स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के तहत क्षेत्र में कचरा कलेक्शन के लिए सामग्री खरीदी का बिंदु भी शामिल था, लेकिन परिषद ने इस बिंदु को इसलिए पास नहीं किया क्योंकि कि पिछले साल खरीदे गए कचरा कंटेनर का कोई उपयोग नहीं हो रहा है। इसलिए क्षेत्र में लगाने के लिए केवल डस्टबिन की खरीदने का निर्णय लिया गया।
वाहन का भी नहीं हो रहा उपयोग
नपा द्वारा कचरा कलेक्शन के लिए खरीदे गए कचरा कंटेनर का आकार बड़ा होने के कारण इनसे कचरा निकालने के लिए एक लोडिंग वाहन भी खरीदा था। जिसकी मदद से कंटेनर से कचरा का उठाव किया जाना था। जिसकी कीमत करीब १६ लाख रुपए थी, लेकिन एक साल में उसका आरटीओ रजिस्ट्रेशन नहीं होने से शोपीस बन गया है।
इधर, जगह-जगह लग गया गंदगी का अंबार
उपनगर क्षेत्र मकरोनिया में अभी तक केवल कागजों पर ही स्वच्छता अभियान चलता नजर आ रहा है। यहां पर जमीनी स्तर पर नगर पालिका ने कोई भी काम शुरू नहीं किया है। स्वच्छता के नाम पर क्षेत्र में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन हो रहा है। इसके बाद भी क्षेत्र में नियमित साफ-सफाई न होने और कोई भी प्लान तैयार न होने के कारण हर जगह गंदगी का अंबार लगा है। जबकि शासन नगर पालिका को स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के तहत पूरा प्लान भेजा जा चुका है, लेकिन स्थानीय स्तर पर अभी तक प्लान पर अमल नहीं हो सका है।
नपा को स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के तहत विभिन्न कार्य कराने के लिए शासन द्वारा 10 लाख रुपए की राशि आवंटित की गई है। इस राशि से नपा को क्षेत्र में जागरुकता, वॉल पेंटिंग, डस्टबिन लगाने सहित अन्य काम करने हैं। क्षेत्र में चार मुख्य मार्गों को व्यवसायिक क्षेत्र घोषित कर दिया है। यहां नपा को पांच-पांच सौ मीटर की दूरी पर गीले व सूखे कचरे के अलग-अलग डस्टबिन लगवाने हैं।
व्यावसायिक क्षेत्र
01. मकरोनिया चौराहे से बंडा रोड पर रेलवे गेट तक।
02. मकरोनिया चौराहे से सिविल लाइन रोड पर हॉक केंटीन तक।
03. मकरोनिया चौराहे से झांसी रोड पर आनंद नगर तक।
04. मकरोनिया चौराहे से नरसिंहपुर रोड पर बिजली कंपनी कार्यालय तक।
स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत क्षेत्र में कचरा कलेक्शन का काम जारी है इसके अलावा जो व्यवसायिक क्षेत्र चिन्हित किए हैं वहां पर डस्टिबिन की और क्षेत्र में सुविधाघर बनाने का काम शुरू होना है।
आरसी अहिरवार, सीएमओ, नपा