क्या यह रही होगी वजह
रैकिंग के लिए कई पैरामीटर होते हैं। कई बिंदुओं पर रैकिंग दी जाती है। इनमें सबसे प्रमुख बिंदु विद्यार्थियों के उत्तीर्ण होने का है। जानकारी के अनुसार शत प्रतिशत छात्र यदि परीक्षा में उत्र्तीण होते हैं तो रैंकिंग बढ़ती है। देखा जाए तो कहीं न कहीं इस बिंदु पर विवि को मेहनत करने की जरूरत है। विवि में जो शोध हो रहे हैं, वह भी संभवत: क्वालिटी आधारित नहीं है। रैकिंग में इसे भी काउंट किया जाता है। विवि प्रशासन को चाहिए कि शोध की क्वालिटी को बेहतर बनाए और चयन पर विशेष फोकस रखा जाए। विश्व की २ से ३ हजार जर्नल्स की सूची में अभी तक विवि के जर्नल्स जगह नहीं बना पाए हैं। यह भी रैकिंग का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।