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रीवा

खेतिहर किसान बनाने के लिए पट्टे की जमीन पर कब्जा नहीं मिला तो विधानसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करेंगे 40 गांव के आदिवासी

अधिकार को लेकर आगे आए आदिवासी परिवार, भू-अधिकार पत्र लेकर अनुविभागीय अधिकारी को सौंपा 9 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन

रीवाAug 30, 2018 / 12:20 pm

Rajesh Patel

tribals of forty villages will boycott voting in the assembly election

tribals of forty villages will boycott voting in the assembly election

रीवा. जिले में आदिवासियों को खेतिहर किसान बनाने के लिए 18 साल पहले कृषि योग्य जमीन के बांटे गए पट्टे पर अभी तक कब्जा नहीं मिला है। इससे परेशान सैकड़ों अदिवासी परिवारों ने मंगलवार सुबह जवा तहसील मुख्यालय पहुंचकर चार घंटे तक प्रदर्शन किया। एसडीएम एके सिंह को मांगों का ९ सूत्रीय ज्ञापन देकर कहा, पट्टे की जमीन पर जल्द कब्जा नहीं दिलाया गया तो वे आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करेंगे।
खेतिहर किसान नहीं बन पाए आदिवासी
शासन ने 2001-02 में जिले के आदिवासी परिवारों को खेतिहर किसान बनाने के लिए जमीन का पट्टा आवंटित किया है। जिसमें जवा क्षेत्र के चालीस गांवों के 1100 से अधिक आदिवासियों को भी पट्टा दिया गया है लेकिन जमीन पर आज तक कब्जा नहीं मिला। भू-अधिकार पत्र भी जर्जर हो रहे हैं। ‘पत्रिका’ ने मुद्दा उठाते हुए 29 अगस्त को ‘18 साल बाद भी खेतिहर किसान नहीं बन पाए आठ हजार आदिवासी’ शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की तो सैकड़ों आदिवासी परिवार आगे आ गए।
बहिनी दरबार की अगुवाई अनुविभागीय अधिकारियों का घेराव
मंगलवार को लामबंद आदिवासी परिवार की सैकड़ों महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सामाजिक संगठन हमारा मंच, हमारा ग्राम अधिकार अभियान और बहिनी दरबार की अगुवाई में सुबह 10 बजे जवा तहसील पहुंच गए। इस दौरान महिलाएं अधिकार को लेकर हाथ में स्लोगन लिखीं तख्थियां लिए हुए थीं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पट्टे पर दी गई जमीन पर कब्जा दिया जाए। इस दौरान महिलाओं ने जमीन नहीं तो वोट नहीं का नारा लगाते हुए कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में वोट का बहिष्कार करेंगे।
ये रहे मौजूद
मामले में एसडीएम ने महिलाओं को जांच कराकर कार्यवाही का आश्वासन दिया। प्रदर्शन के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता जगदीश यादव, शांति विश्वकर्मा, लालता प्रसाद वर्मा, रामसजीवन आदिवासी, रामकैलाश कोल, प्रेमवती आदिवासी, विभा वर्मा, जन्मावती साकेत, ऊषा, विनीता, रामकली आदिवासी, विरेन्द्र वर्मा सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
ये हैं मांगे
कृषि योग्य पट्टे की भूमि पर कब्जा दिलाया जाए ।
भूमिहीन आदिवासियों को भूमि आरक्षित की जाए।
दखल रहित आवास के लिए भूमि का पट्टा दिया जाए।
प्रधानमंत्री आवास निर्माण के लिए भूमि अलाट की जाए।
वन एवं राज्य की सीमा में बसे भूमिहीनों को पट्टा दिया जाए।
लंबित भू-अधिकार के प्रकरणों के दस्तावेज में कार्यवाही की जाए।

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