बीते 16 फरवरी को नहर में यात्री बस डूबने की वजह से करीब सवा आठ बजे बाणसागर बांध का पानी बंद किया गया था। हालांकि नहर में बड़ी मात्रा में पानी की आवक होने की वजह से सिलपरा और सिरमौर की विद्युत इकाइयों पर असर कई घंटों के बाद पड़ा।
बीते चार दिनों के अंतराल में सिरमौर, सिलपरा और झिन्ना में औसत 44 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हर दिन होने का अनुमान था। पूर्व के दिनों में इसी मात्रा में उत्पादन होता रहा है। विद्युत उत्पादन से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को सुबह पांच बजे बांध से पानी छोड़ा गया है, जिसकी वजह से झिन्ना और सिलपरा में उत्पादन का कार्य प्रारंभ भी हो गया है।
अधिकारियों का अनुमान है, जितने अवधि तक नहर में पानी की आवक बंद रही है उस दौरान नियमित रूप से उत्पादन की प्रक्रिया चलती तो करीब डेढ़ करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन हो सकता था। बताया गया है कि सिरमौर में प्रतिदिन 35 लाख यूनिट, सिलपरा में चार लाख और झिन्ना में पांच लाख यूनिट का औसत उत्पादन हो रहा था।
– सिरमौर में आज पानी पहुंचने का अनुमान
बाणसागर बांध से पानी छोड़े जाने के बाद सिरमौर के टीएचपी तक पहुंचने में दो दिन का समय लगता है। चौथे दिन सुबह पांच बजे ही पानी छोड़ दिया गया जिसकी वजह से दो प्लांटों में उत्पादन प्रारंभ हो गया है। सिरमौर तक पानी पहुंचने में शनिवार तक का समय लगेगा। उत्पादन के लायक पानी यहां दोपहर बाद तक पहुंचने का अनुमान है। सिरमौर में तीन उत्पादन की इकाइयां हैं जिसमें एक करीब छह महीने से अधिक समय से बंद चल रही है। दो में ही उत्पादन हो रहा था, वह भी पूरी क्षमता के अनुरूप नहीं था। बरसात के दिनों में पानी की पर्याप्त आवक के दौरान यहां उत्पादन अधिक होता है।
– बीते सप्ताह भी बंद था पानी
बाणसागर से आने वाली नहर में बीते सप्ताह भी कई दिनों तक पानी को रोका गया था। एक बच्चे के डूबने की वजह से उसकी तलाश की जा रही थी। उस दौरान भी करीब सवा करोड़ यूनिट बिजली के उत्पादन का नुकसान हुआ था।