दरअसल, 17 जनवरी को एक आपराधिक मामले को लेकर मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल
देवतालाब के सीतापुर पहुंचते थे। इस मामले में पुलिस ने पहले ही कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि, विधायक इससे खुश नहीं थे। उन्होंने सीतापुर पहुंचने के बाद मऊगंज कलेक्ट्रेट पर धरना दिया था। उन्होंने कलेक्टर और एसपी पर लौर थाना प्रभारी को निलंबित करने के लिए दबाव बनाया। विधायक के दबाव में आकर थाना प्रभारी और विवेचक को निलंबित कर दिया। इसी बात को लेकर देवतालाब विधायक गिरीश गौतम का गुस्सा विधायक प्रदीप पटेल पर फूटा।
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बता दें कि, मीडिया से बातचीत के दौरान जब विधायक गिरीश गौतम से इस मामले में सवाल पुछा गया तो वह विधायक प्रदीप पटेल पर टूट पड़े। उन्हें उनके विधानसभा क्षेत्र में मऊगंज विधायक की दखलंदाजी पसंद नहीं आई। उन्होंने कहा कि ‘शायद मऊगंज विधायक अपने आप को मुख्यमंत्री मानते हैं।’
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ‘मऊगंज में सभी विकास कार्य हो चुके हैं और जनता काफी खुशहाल है। वहां राम राज्य स्थापित हो चुका है इसलिए दूसरी विधानसभा क्षेत्र में पहुंचकर राजनीति कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि ‘वह बहुजन समाज पार्टी में रहे हैं, उनके डीएनए में जो है, वह उसे प्रदर्शित कर रहे हैं। हमारे विधानसभा क्षेत्र में अनाधिकृत रूप से पुलिस पर दबाव डालकर काम करना उचित नहीं है।’ विधायक गिरीश गौतम ने प्रदीप पटेल पर जातिवादी राजनीति का भी आरोप लगाया है।