जूनियर को कोर्ट में जवाब देने के लिए भेजा
पूरा मामला एक किसान से जुड़ा है जिसने करीब 10 साल पहले एमपी हाईकोर्ट में रीवा प्रशासन के खिलाफ याचिका दायर की थी। इस मामले पर एमपी हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही थी और हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल ने रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल सिंह को 6 जनवरी को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। लेकिन कलेक्टर प्रथिभा पाल सिंह ने खुद कोर्ट न जाते हुए अपने जूनियर अधिकारी को कोर्ट में जवाब पेश करने भेज दिया। जज विवेक अग्रवाल ने जब जूनियर अधिकारी को देखा तो जमकर डांट लगाई। डांट पड़ी तो दौड़ी-दौड़ी कोर्ट पहुंची कलेक्टर
हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल ने कलेक्टर की जगह जूनियर अधिकारी को देख डांट तो लगाई ही साथ ही नाराजगी जताते हुए मामले की सुनवाई नहीं की। जज साहब ने शाम को 4 बजे तक रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल सिंह को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया जिसके बाद कलेक्टर प्रतिभा पाल सिंह दौड़ी-दौड़ी हाईकोर्ट पहुंची । जहां एक बार फिर जज जस्टिस विवेक अग्रवाल ने उन्हें डांटते हुए कहा कि आपको कलेक्टर इसलिए नहीं बनाया गया है कि आप लोगों को प्रताड़ित करें। आपको कलेक्टर इसलिए बनाया गया है कि आप उनका अधिकार प्रदान करें। हालांकि रीवा कलेक्टर ने कोर्ट में उपस्थित न होने के पीछे पति के स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था लेकिन इस जवाब से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुई।