क्या बोले केजरीवाल?
पूर्व CM अरविंद केजरीवाल ने कहा, “एक दिन माता सीता को अपनी झोपड़ी में छोड़कर रामचंद्र खाने का इंतजाम करने जंगल में गए। उन्होंने लक्ष्मण को कहा कि तुम सीता मईया की रक्षा करोगे। इतने में रावण सोने का हिरन बनकर आया. सीता मईया ने लक्ष्मण को कहा कि मुझे यह हिरण चाहिए। लक्ष्मण ने श्रीराम की बात का हवाला देकर जाने से मना किया।”
बीजेपी ने कहा-फर्जीवाल की रामायण
केजरीवाल के बयान के बाद भाजपा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, चुनावों में मंदिर-मंदिर जाने का ढोंग करने वाले फर्जीवाल का रामायण पर अजब-गजब ज्ञान सुनिए। ‘श्री रामचंद्र जब वन में खाना ढूंढने गए तब रावण सोने का हिरण बनकर आया और माता सीता का हरण करके ले गया। शर्म आनी चाहिए केजरीवाल जी, इस तरह सनातन का मखौल उड़ाते हुए। एक तरफ आप दिल्ली में विश्वस्तरीय शिक्षा मॉडल का ढोल पीटते हैं और दूसरी तरफ आपको रामायण का ही ज्ञान नहीं।
स्वाति मालीवाल ने साधा निशाना
केजरीवाल के बयान पर स्वाति मालीवाल ने भी निशाना साधा “श्री राम वन में जब खाना ढूँढने गये तो रावण सोने का हिरण बनकर आया” – ये कौनसी रामायण में लिखा है अरविंद केजरीवाल जी? रामायण में तो राक्षस मारीच रावण के साथ आया था और उसने सोने के हिरण का रूप लिया था। सीता माता ने लक्ष्मण जी से नहीं, श्री राम से सोने का हिरण लाने के लिए कहा था। आप चुनाव आते ही हिंदू बन जाते हैं, आज आपसे रट्टा लगाने में थोड़ी गलती हो गई है।
मनीष सिसोदिया ने दिया जवाब
अरविंद केजरीवाल के द्वारा रामायण के एक प्रसंग पर की गई बयानबाजी पर बीजेपी आक्रामक हो गई है। बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल के बयान को सनातन का अपमान बताया है। जिसपर अब आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि इनकी राजनीति इतनी नीचे गिर चुकी है कि अब यह रावण जैसे प्रतीक का सहारा ले रहे हैं।
क्या बोले AAP नेता?
मनीष सिसोदिया ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर ट्वीट कर कहा, “कल अरविंद केजरीवाल ने एक जनसभा में रावण से जुड़ी एक टिप्पणी की और पूरी बीजेपी तुरंत रावण के बचाव में कूद पड़ी, जैसे वे खुद रावण के वंशज हों। इनकी राजनीति इतनी नीचे गिर चुकी है कि अब यह रावण जैसे प्रतीक का सहारा लेकर अपनी झूठी बयानबाजी को सही ठहराने में जुट गए हैं।”
BJP के झूठे नाटकों से सावधान रहें- मनीष सिसोदिया
“मैं दिल्ली की जनता से कहना चाहता हूं कि इनकी असली मंशा को पहचानें। ये चुनाव के बाद गरीबों, मजदूरों और झुग्गीवासियों के लिए रावण से भी बड़ा खतरा साबित होंगे। इनसे सतर्क रहना बहुत जरूरी है, क्योंकि इनका असली एजेंडा सिर्फ सत्ता हासिल करना है। ये झुग्गियां तुड़वाने और जनता की जमीनें कब्जाने की साजिश रच रहे हैं. इनके झूठे नाटकों से सावधान रहें और सही फैसला करें।”