इनमें पूर्व नगरसेवक, शिवसेना यूबीटी और युवासेना के प्रमुख पदाधिकारी शामिल हैं। विश्वनाथ स्वामी ने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा सौंपा. जिसके कुछ समय बाद ही सभी नेता बीजेपी में शामिल हो गए.
शिवसेना (UBT) के कई नेताओं के बीजेपी में शामिल होने पर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने कहा, “उद्धव ठाकरे ने बालासाहेब के विचारों को छोड़कर कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) के विचार को अपना लिया हैं। इसलिए कार्यकर्ता खफा है और उन्हें छोड़कर बीजेपी में आ रहे हैं।”
विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद शिवसेना (यूबीटी) के कई स्थानीय नेता शिंदे गुट और बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. मराठवाडा में उद्धव गुट को बड़ा झटका लगा है. कुछ दिन पहले संभाजीनगर के पूर्व मेयर नंदकुमार घोडले शिंदे की शिवसेना में शामिल हो गए। पार्टी के मराठवाडा डिविजन के सचिव अशोक पटवर्धन ने भी शिवसेना शिंदे गुट का धनुष-बाण थाम लिया था।
शिवसेना (UBT) के राज्य संगठक एकनाथ पवार ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया। उन्होंने हाल ही में लोहा-कंधार सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था। कहा जा रहा है कि वह बीजेपी में शामिल होंगे। नगर निगम चुनाव से पहले पार्टी नेताओं व पदाधिकारियों का इस तरह से साथ छोड़कर जाना उद्धव ठाकरे के लिए चिंता का विषय बन गया है।
23 जनवरी को बड़ा सियासी भूकंप!
इस बीच, शिवसेना (शिंदे गुट) नेता राहुल शेवाले ने 23 जनवरी को विपक्षी खेमे में बड़ी फूट होने की बात कहकर सूबे की सियासत में हलचल बढ़ा दी। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “सब जानते हैं कि विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के कई सांसद और विधायक अपने ही गठबंधन के सहयोगियों के बीच विवादों के कारण परेशान हैं। इन विवादों का असर उनके क्षेत्रों के विकास कार्यों पर पड़ रहा है… उनमें से कई सांसद और विधायक हमारे संपर्क में हैं। वे महायुति में शामिल होना चाहते हैं…उनमें से कई ने निवेदन किया कि 23 जनवरी को बालासाहेब ठाकरे के जन्मदिन के मौके पर वह शिवसेना में आना चाहते है…वर्तमान में शिवसेना (यूबीटी) के 15 विधायक, कांग्रेस के 10 विधायक और शिवसेना (यूबीटी) के कई सांसद हमारे संपर्क में हैं।”