जानकारी के अनुसार बहुरीबांध निवासी मथुरा प्रसाद मिश्र की नौ वर्षीय बेटी श्रेया मिश्रा बगीचे में आम तोडऩे के लिए पेड़ पर चढ़ी थी। इसी दौरान संतुलन खो दिया और वह दांये हाथ के बल जमीन पर आ गिरी। गिरने से दांये हाथ की ह्यूमरस हड्डी बाहर आ गई थी और हाथ में रक्त ले जाने वाली ब्रैकियल आट्री एवं मिडियन नर्व नामक नस कट गई थी। जिससे हाथ का रक्त संचार रुक गया था। बालिका के हाथ का खून निकल चुका था। जिससे वह बेहोश हो गई थी।
क्यों है यह विशेष सर्जरी
अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. बीबी सिंह ने बताया कि अभी तक नस कटे फै्र क्चर के केस प्लास्टिक सर्जन न होने के कारण रेफर कर दिए जाते थे। रीवा में नस जोडऩे का पहला ऑपरेशन है। जिसमें पूरी तरह से कट गई खून की नस को समय रहते जोड़ा गया है। यह घायल अगर समय पर न आती और रेफर करनी पड़ती तो हाथ काटने की नौबत आ सकती थी। नस कटने से खून काफी बह जाने से जान जाने के खतरे से भी इंकार नहीं किया जा सकता था।
परिजनों ने जताई खुशी
सर्जरी के बाद बालिका पूरी तरह से स्वस्थ है। परिजनों ने खुशी जताते हुए कहा कि हालत देखकर वह डर गए थे। उम्मीद छोड़ दी थी लेकिन डॉक्टरों ने बचा लिया। परिजनों ने कहा कि इस सर्जरी के लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं देना पड़ा। जबकि डॉक्टरों की माने तो निजी अस्पताल में इस सर्जरी पर एक से डेढ़ लाख खर्च हो जाते।