परीक्षा में अनुचित साधन का उपयोग करने वाले छात्रों पर डेढ़ वर्ष बाद आया निर्णय
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय प्रबंधन ने दिसंबर 2018 और जून 2019 में हुई परीक्षाओं के छात्रों पर लिया गया निर्णय,- दोषमुक्त किए गए छात्रों को परीक्षा फार्म के लिए विश्वविद्यालय ने फिर दिया अवसर
रीवा. अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय द्वारा उन छात्रों के बारे में करीब डेढ़ वर्ष के बाद फैसला बताया गया है, जिनका परीक्षा परिणाम अनुचित साधनों का उपयोग करने के आरोप की वजह से रोक दिया गया था। लंबे समय के बाद परीक्षा परिणाम के बारे में कई छात्रों दोषमुक्त बताकर कहा गया है कि वह फिर से अगली परीक्षा के लिए अपना फार्म भर सकते हैं। इसमें से कई ऐसे छात्र हैं जिन्होंने पढ़ाई बीच में ही रोक दी है और दूसरे कार्यों में लग गए हैं। बताया गया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से यह कार्य अगली परीक्षा के लिए फार्म भरे जाने से पहले ही किया जाना था लेकिन प्रशासन की उदासीनता की वजह से छात्रों के लिए परेशानी हुई है। दिसंबर 2018 और जून 2019 में हुई परीक्षाओं में शामिल अधिकांश छात्र हैं। जिनमें अधिकांश को दोषमुक्त कर दिया गया है, तो वहीं कुछ के प्रश्र पत्र निरस्त किए गए हैं और कुछ की परीक्षाएं ही निरस्त कर दी गई हैं। जिसमें प्रमुख रूप से वर्ष 2018-19 की परीक्षा में बीएससी प्रथम वर्ष में 17 को दोषमुक्त, 52 का प्रश्रपत्र निरस्त किया और छह की परीक्षा ही निरस्त कर दी है। इसी तरह बीएससी द्वितीय वर्ष में दोषमुक्त दस, परीक्षा निरस्तगी एक एवं प्रश्रपत्र निरस्त 35, बीकाम प्रथम वर्षमें दोषमुक्त छह, प्रश्नपत्र निरस्त सात, बीकाम द्वितीय वर्ष में दोषमुक्त पांच, परीक्षा निरस्तगी का एक, प्रश्रपत्र निरस्तगी सात, बीए प्रथम वर्ष में दोषमुक्त 15, परीक्षा निरस्तग के दो और प्रश्रपत्र निरस्तगी के 37 प्रकरण हैं। बीए द्वितीय वर्ष में दोषमुक्त 12, परीक्षा निरस्त दो एवं प्रश्रपत्र निरस्त 16 के किए गए हैं। अन्य कक्षाओं एवं परीक्षाओं की भी इसी तरह की सूची जारी की गईहै। जिसमें करीब चार सौ से अधिक की संख्या में छात्रों के परीक्षा परिणाम रोके गए थे।
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