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रीवा

निगम के कामकाज का ब्यौरा खंगालने भोपाल से पहुंची टीम

परिषद, एमआइसी, निर्माण एवं लेखों के संधारण का देखेगी हाल, पूर्व में अनियमितता की शिकायतों की भी होगी पड़ताल

रीवाDec 28, 2018 / 01:23 am

Balmukund Dwivedi

Audit of Nagar Nigam by Bhopal team

Audit of Nagar Nigam by Bhopal team

रीवा. प्रदेश की सरकार बदलते ही नगर निगम के कामकाज की जांच प्रारंभ हो गईहै। शासन द्वारा गठित किया गया जांच दल गुरुवार को रीवा पहुंचा और वर्तमान निगम परिषद द्वारा स्वीकृत किए गए कार्यों के दस्तावेज तलब कर दिए। 2 जनवरी 2015 से नई परिषद का कार्यकाल प्रारंभ हुआ है। तब से लेकर अब तक स्वीकृत किए गए कार्यों का दस्तावेज लिया है। मेयर इन काउंसिल एवं निगम परिषद की हर बैठक की जांच की जा रही है, जिसमें शासन के निर्देशों एवं उसके पालन की कार्यवाही को जांचा जा रहा है। मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर प्रदेश के रीवा, ग्वालियर एवं छिंदवाड़ा के नगर निगमों की जांच प्रारंभ की गईहै। इस जांच दल को पहले 24 दिसंबर को आना था लेकिन तीन दिन बाद पहुंचा है। पूर्व में लगातार आरोप लगते रहे हैं कि नियमों को दर किनार करते हुए मनमानी रूप से राशि खर्च की जा रही है। सुबह कार्यालय खुलते ही जांच अधिकारी पहुंचे। पहले निगम आयुक्त से मिले और अपने आने का कारण बताया। इसके बाद एमआइसी और परिषद की बैठकों के दस्तावेजों का परीक्षण शुरू किया गया। देर शाम तक जरूरत के हिसाब से दस्तावेजों की फोटो कापी जांच अधिकारियों ने अपने पास रख ली है।
इन मामलों की शुरू की गई है जांच
नगर निगम में वित्तीय प्रबंधन, भारत सरकार तथा राज्य सरकार की योजनाओं की राशि के क्रियान्वयन का परीक्षण किया जा रहा है। जांच टीम में प्रमुख रूप से पीएन पाण्डेय अपर संचालक नगरीय प्रशासन विभाग, राजीव गोस्वामी अधीक्षण यंत्री एवं एजे एक्का लेखाधिकारी नगरीय प्रशासन संचालनालय आदि पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। निगम परिषद एवं मेयर इन काउंसिल के कार्यांे, वित्तीय शक्तियों के प्रयोग, नवीन लेखा नियमों का अनुपालन, डबल एंट्री सिस्टम का क्रियान्वयन, नगर पालिक निगम अधिनियम के पालन, आडिट आपत्तियों आदि का भी परीक्षण किया जा रहा है।
प्रत्याशा में चल रहे कार्यों पर सवाल
जांच टीम के सामने कईऐसी फाइलें पहुंची, जिसमें यह टीम लिखते हुए कार्य स्वीकृत किए गए थे कि मेयर इन काउंसिल एवं नगर निगम परिषद की प्रत्याशा में है। कुछ तो ऐसे मामले भी आए हैं जिसमें शासन की प्रत्याशा में मानकर काम ही करा दिया है। पूर्वमें शिकायतें हुई थी लेकिन तब शासन स्तर पर इस पर कोईध्यान नहीं दिया गया, जिसकी वजह से मामला दबा रहा। अब सभी फाइलें खोली जा रही हैं, जिससे अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ेंगी। बताया जा रहा है कि कईटेंडर परिषद की मिनट्स देखकर ही स्वीकृत कर दिए गए, जबकि उनकी फाइलों में शर्तें कुछऔर ही पाईगईहैं।

गोपनीयता ऐसी की प्रवेश ही वर्जित कर दिया
नगर निगम के अधिकारियों के विरुद्ध भी शिकायतें हैं, इसलिए जांच टीम के आते ही मीडियाकर्मी पहुंच गए थे। इस कारण जिस कक्ष में अधिकारियों ने जांच शुरू की, उसके बाहर सूचना बोर्डचस्पा कर दिया कि यहां पर प्रवेश वर्जित है। इससे जांच प्रक्रिया को ही सवालों के घेरे में खड़ा किया जा रहा है। रीवा पहुंचते ही जिस तरह से निगम अधिकारियों ने जांच टीम की आवभगत की और निजी होटल में ठहराया। साथ ही देर रात जांच टीम की अधिकारियों के साथ बैठक भी चर्चा में है।

कांग्रेस ने गिनाए भ्रष्टाचार के बिन्दु
जांच दल के नगर निगम पहुंचने की खबर कांग्रेस के पार्षद विनोद शर्मा मिलने पहुंचे। टीम प्रमुख को ज्ञापन सौंपकर उन्होंने निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार, होर्डिंग संचालन में नियमों की अवहेलना, शहर की भूमि बिल्डर्स को सौंपने में मनमानी सहित कईअन्य बिन्दुओं पर आरोप लगाए हैं। जांच अधिकारी ने इन सभी बिन्दुओं पर दस्तावेज निगम आयुक्त से मांगा है। वहीं निगम के नेता विपक्ष अजय मिश्रा बाबा ने कहा कि पहले 24 को यह दल आना था लेकिन 27 को कांग्रेस पार्षदों की भोपाल में बैठक होने के चलते टीम के सदस्य फिक्सिंग कर पहुंचे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सीवरेज सिस्टम में 74 लाख का नियम विरुद्धभुगतान, प्रधानमंत्री आवास योजना के मद की राशि निगम ने अपने मद में खर्च कर ली है। वहीं पूर्व पार्षद धनेन्द्र सिंह बघेल ने कहा है कि यदि सही तरीके से जांच नहीं होगी तो टीम के सदस्यों की ही शिकायत मुख्यमंत्री से करेंगे, क्योंकि उनके निर्देश पर ही इस टीम का गठन हुआ है।
शासन को रिपोर्ट सौंपेंगे
शासन ने निगम के कार्यों की जांच का निर्देश दिया है। जिसके दस्तावेजों का परीक्षण किया जा रहा है। शासन के नियम और कार्यों का परीक्षण कर रहे हैं। इसमें जो भी तथ्य आएंगे, उसे शासन को रिपोर्ट में सौंपेंगे। वर्तमान परिषद का कार्यकाल चार वर्षों का हो चुका है, इसलिए सभी का परीक्षण करने में समय लग रहा है।
पीएन पाण्डेय, अपर संचालक संचालनालय भोपाल

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