बताया गया है कि विश्वविद्यालय के कुलसचिव रहे डॉ. मेघराज निनामा ने समय पर चाही गई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई तो उसकी अपील राज्य सूचना आयोग में की गई थी। रोजीना खान नाम की अपीलार्थी के आवेदन पर सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने कारण बताओ नोटिस जारी की गई है। बताया गया है कि इस मामले की सुनवाई बीते 19 जुलाई को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की गई थी। जिस पर प्रभारी कुलसचिव लालसाहब सिंह उपस्थित हुए थे। उन्होंने आयोग को जानकारी दी कि आवेदक से उनकी बात हुई है। वह अब विश्वविद्यालय की कार्रवाई से संतुष्ट हैं। जिन दस्तावेजों की जरूरत थी, उनकी आवश्यकता अब समाप्त हो चुकी है।
प्रभारी कुलसचिव ने यह भी बताया कि पुराने दस्तावेजों की मांग की गई थी, जिन्हें कुछ समय पहले नष्ट भी कर दिया गया है। विश्वविद्यालय की इस दलील पर आयोग ने सहमति जताते हुए अपील का निराकरण कर दिया है। साथ ही सूचना का अधिकार अधिनियम २००५ की धारा २०(१) एवं २०(२) के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
– कुलपति की भूमिका पर भी सवाल
विश्वविद्यालय के कुलपति सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत अपीलीय अधिकारी थे। उनके सामने भी अपील की गई थी लेकिन उस पर जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। इसे आयोग ने विधि विरुद्ध कृत्य मानते हुए अप्रसन्नता व्यक्त की और परिनिंदा करते हुए सचेत किया है कि भविष्य में ऐसी वैधानिक त्रुटि न करें। आयोग द्वारा पारित किए गए आदेश की प्रति कुलपति को भी भेजने के लिए कहा गया है।