जन्माष्टमी 2022 तिथि
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस साल 18 अगस्त 2022 को ध्रुव और वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है। 18 अगस्त की रात्रि 08:42 बजे तक वृद्धि योग है और इसके बाद ध्रुव योग प्रारंभ हो जाएगा। वहीं ध्रुव योग की समाप्ति 19 अगस्त 2022 को रात्रि 08:59 बजे होगी। ऐसे में धार्मिक दृष्टि से 18 अगस्त 2022 को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा।
अष्टमी तिथि प्रारंभ: 18 अगस्त 2022 को रात्रि 09:20 बजे
अष्टमी तिथि समापन: 19 अगस्त 2022 को रात्रि 10:59 बजे
जन्माष्टमी 2022 शुभ मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक, 18 अगस्त को रात्रि 12:03 बजे से लेकर 12:47 बजे तक जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा।
जन्माष्टमी पूजन सामग्री: लड्डू गोपाल की मूर्ति, एक चौकी, एक खीरा, चंदन, अक्षत, गंगाजल, पंचामृत, दूध, दही, पीला वस्त्र, एक सिंहासन, घी, दीपक, बाती, धूपबत्ती, तुलसी दल, माखन, मिश्री तथा अन्य भोग सामग्री।
जन्माष्टमी पूजा विधि: रात्रि 12 बजे बालकृष्ण के जन्म के बाद उन्हें किसी पात्र में बैठाकर दूध, दही, घी, शहद से स्नान कराने के बाद गंगाजल से अभिषेक करें। इसके बाद एक साफ कपड़े से लड्डू गोपाल की मूर्ति को पोंछकर छोटे बच्चे की तरफ उनका शृंगार करें। सबसे पहले कान्हा जी को लंगोटी पहनाकर नए पीले रंग के वस्त्र पहनाएं। फिर लड्डू गोपाल को चूड़ियां, माला और मोरमुकुट पहनाएं। साथ ही कान्हा जी के पास बांसुरी रखें। श्रृंगार के बाद उन्हें इत्र लगाकर नजर उतारें।
इसके बाद चंदन, अक्षत और अन्य पूजन सामग्री अर्पित करके घी का दीपक और धूपबत्ती जलाकर आरती करें। तत्पश्चात माखन, मिश्री के साथ अन्य भोग की सामग्री कान्हा जी को अर्पित करें। भोग में तुलसी दल अवश्य होना चाहिए। जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल को झूले में बिठाकर झुलाएं और सपरिवार मिलकर ‘नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की’ गाएं।
फिर जिस पंचामृत से कान्हा जी को स्नान कराया था उसे प्रसाद रूप में ग्रहण करें और फिर जन्माष्टमी व्रत का पारण करें।