1. फाल्गुन अमावस्या के दिन पवित्र नदी या कुंड आदि में स्नान करना चाहिए। इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण करना चाहिए।
2. पूर्वजों और पितरों की शांति के लिए अमावस्या का व्रत करना चाहिए और अपने सामर्थ्य के अनुसार गरीबों जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा दें।
3. फाल्गुन अमावस्या पर रुद्र, अग्नि और ब्राह्मणों का पूजन करें और उन्हें उड़द, दही और पूड़ी का नैवेद्य अर्पित करें। इसके बाद आप स्वयं भी इसका सेवन करें।
5. अमावस्या तिथि को शनिदेव का दिन भी माना गया है, इसलिए इस दिन शनि ग्रह की पूजा जरूर करें। इस दिन शनि मंदिर में नीले रंग के फूल, काले तिल, काले साबुत उड़द, कड़वा तेल, काजल और काला कपड़ा आदि चढ़ाएं।