मान्यता है कि इस दिन बहनों के हाथ से राखी बंधवाने से भाई की भूत प्रेत और अन्य बाधाओं से रक्षा होती है। जिन लोगों की बहनें नहीं हैं, उन्हें भी किसी को बहन मानकर राखी बंधवाने से शुभ फल मिलता है। इसके अलावा आजकल चांदी और सोने की राखी बांधने का भी चलन बढ़ रहा है, लेकिन ऐसा करते समय इसमें रेशम का धागा जरूर लपेटना चाहिए। यह भी मान्यता है कि रक्षाबंधन के बाद बिना नियमों का ध्यान दिये राखी उतारकर फेंकने से रिश्ते पर अशुभ प्रभाव पड़ता है तो जानिए राखी के नियम..
1. भाई बहन स्नान कर भगवान की पूजा करें।
2. बहनें रोली, अक्षत, कुमकुम और दीप जलाकर रक्षाबंधन का थाल सजाएं।
3. बहनें पश्चिम की ओर मुंह करके भाई का कुमकुम, रोली, अक्षत से तिलक करें (भाई रूमाल से अपना सिर ढंके रहे)।
4. इसके बाद दायीं कलाई पर रेशम की डोरी से बना रक्षा सूत्र मंत्र बोलते हुए बांधें और भाई की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करें। (किसी भी हालत में मुंह दक्षिण दिशा की ओर न रहे)
5. भाई रक्षा का वचन देकर गिफ्ट आदि दे सकता है।
भाई को राखी बांधते समय इस मंत्र को पढ़ना चाहिए।
येन बद्धो बलिः राजा, दानवेंद्रो महाबलः।
तेन त्वामभिबध्नामि रक्षे मा चल मा चलः।। रक्षाबंधन के बाद राखी का क्या करें
1. रक्षाबंधन से कम से कम 21 दिन तक रक्षा सूत्र कलाई पर बांधे रहना चाहिए।
2. ऐसा संभव नहीं है तो कम से कम जन्माष्टमी तक पहनें।
3. इसके बाद इसे उतारकर लाल कपड़े में बांधकर पूजास्थल, पवित्र स्थान या ऐसी जगह पर रखें जहां बहन से संबंधित चीजें रखी हों।
4. अगले साल रक्षाबंधन का त्योहार आने पर या इसके खंडित हो जाने पर इसे बहते जल में प्रवाहित कर दें या किसी पेड़ के नीचे रख दें ।
5. ऐसा करते समय एक रुपये का सिक्का भी साथ में रखें।
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