शनिश्चरी अमावस्या और शनि का उदय भी इसी दिन (Shanishchari Amavasya Shani Uday effect)
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या शनिवार को होने से इस बार शनिश्चरी अमावस्या रहेगी। साथ ही शनि ग्रह का उदय भी शनिवार के दिन ही रहेगा, यह भी एक प्रकार का अद्भुत संयोग है, क्योंकि इस प्रकार से शनि उदय और प्रवेश का योग सालों में बनता है और मुख्यत: यह भी है कि इसी दिन चंद्रमा का भी पंचग्रही युति के साथ संबंध बनेगा।चैत्र शनिश्चरी अमावस्या 2025 के दिन क्या करें (Shanishchari Amavasya Remedies)
पुरोहितों के अनुसार शनि गोचर 2025 के दिन पड़ रही चैत्र शनिश्चरी अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त तर्पण, पूजन तथा शनि महाराज का तेलाभिषेक और शनि की वस्तुओं का दान करने से शनि महाराज की कृपा प्राप्त होती है। जिन जातकों को शनि की साढ़ेसाती अथवा ढैय्या लगा है, उन्हें शनि की उपासना निरंतर करनी चाहिए। यह करने से उनके कार्य में आ रही बाधा की निवृत्ति होगी और सफलता की प्राप्ति होगी।पूरी दुनिया में होंगे अलग-अलग प्रकार के परिवर्तन
ग्रहों की युति अलग-अलग प्रकार के दिशाओं से जुड़े राष्ट्रों में भी अपने प्रभाव छोड़ती है। पूरी दुनिया भर में अलग-अलग प्रकार से वैचारिक परिवर्तन होंगे साथ ही मानवीय सभ्यता को सुरक्षित रखने के नए-नए प्रतिकल्प सामने आएंगे।आधुनिकता को विशेष कर आरंभ पसंद जिंदगी को लोग परिश्रम तथा बौद्धिक परिवर्तन के साथ आगे बढ़ाएंगे। जिससे प्राकृतिक संतुलन की स्थिति बन सके इस संबंध में भी पर्यावरण की दृष्टि से सकारात्मक परिवर्तन होंगे। दुनिया के कोने-कोने में प्राकृतिक व पर्यावरणीय विज्ञान में विशेष शोध एवं सुरक्षा के उपचार के साथ-साथ सहयोगी तकनीक का निर्माण होगा।