कब से शुरू हो रही माघ गुप्त नवरात्रि
#GuptNavratra ज्योतिषाचार्य जनार्दन शुक्ला के अनुसार माघ माह की गुप्त आराधना 10 से 18 फरवरी तक की जाएगी। माघ गुप्त नवरात्र के दौरान 9 दिन तक दस महाविद्याओं की पूजा-अर्चना गुप्त तरीके से की जाएगी। इसीलिए इसे गुप्त नवरात्र कहा जाता है। मां शक्ति के साधकों के साथ ही तंत्र साधना के लिए गुप्त नवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण होती है। साधक गुप्त रूप से तंत्र-मंत्र की सिद्धि प्राप्त करते हैं।
कलश स्थापना मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य सौरभ दुबे के अनुसार माघ गुप्त नवरात्रि 10 से 18 फरवरी तक रहेगी। यह नवरात्रि माघ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को सुबह 04.28 बजे शुरू होगी। घटस्थापना मुहूर्त 10 फरवरी को सुबह 08.45 से सुबह 10.10 बजे तक रहेगा। इस दिन कलश स्थापना के लिए अभिजित मुहूर्त दोपहर 12.13 मिनट से दोपहर 12.58 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा।
गुप्त नवरात्रि साधना का महत्व
ज्योतिषाचार्य जनार्दन शुक्ला ने बताया कि गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की 10 महाविद्या प्रकट हुईं थीं। माघ गुप्त नवरात्रि के दौरान देवी शक्ति के 32 अलग-अलग नामों का जाप, ‘दुर्गा सप्तशती’, ‘देवी महात्म्य’ और ‘श्रीमद्-देवी भागवत’ जैसे धार्मिक ग्रंथों का पाठ करने से सभी समस्याएं समाप्त होती हैं। जीवन में शांति प्राप्त होती है। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में गई साधना जन्मकुंडली के समस्त दोषों को दूर करने वाली और धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष देने वाली होती है। जीवन धन धान्य से भरा रहता है। गुप्त नवरात्रि की सफलता पूर्वक पूजा से कई तरह की बाधाएं, भूत और प्रेत बाधा आदि भी दूर होती हैं।
ये हैं दस महाविद्या
1. माता कालिके
2. तारा देवी
3. त्रिपुर सुंदरी
4. माता भुवनेश्वरी
5. माता छिन्नमस्ता
6. माता त्रिपुरभैरवी
7. मां धूमावती
8. माता बगलामुखी
9. माता मातंगी
10. माता कमला देवी ये भी पढ़ेंः इन नाम वालों को मिलता है लक्ष्मीजी का आशीर्वाद, खूब कमाते हैं पैसा, नहीं होती धन की कमी
1. कलश
2. कलश पर बांधने के लिए मौली
3. आम के पत्ते का पल्लव (जिसमें 5 पत्तियां हो या फिर 7)
4. कलश में डालने के लिए रोली, गंगाजल, सिक्का, गेहूं या अक्षत
5. कलश के अलावा इन दिनों जौ भी बोने चाहिए, जिसके लिए मिट्टी का एक बड़ा बर्तन
6. मिट्टी
7. जौ
8. कलावा