राम जन्मभूमि मंदिर (अयोध्या, उत्तर प्रदेश)
अयोध्या भगवान श्रीराम की जन्मभूमि है। यहां राम जन्मभूमि मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। इस मंदिर के नए स्वरुप का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को हुआ था। धार्मिक मान्यता है कि यह भगवान श्रीराम की जन्मस्थली है।
रामेश्वरम मंदिर (तमिलनाडु)
यह मंदिर भगवान श्रीराम द्वारा शिवलिंग की स्थापना से जुड़ा है। इसे चार धामों में गिना जाता है। यह तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। इसके अलावा यहां स्थापित शिवलिंग बारह द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।
कलेश्वरनाथ मंदिर (चित्रकूट, उत्तर प्रदेश)
चित्रकूट में स्थित यह मंदिर भगवान राम के वनवास काल की याद दिलाता है। इस मंदिर की परिक्रमा करने के लिए देश के कोने-कोने से भक्त आते हैं। यह प्रसिद्ध मंदिर कामदगिरि पर्वत की तलहटी में स्थित है।
कोदंड राम मंदिर (हंपी, कर्नाटक)
यह मंदिर रामायण की घटनाओं का प्रतीक माना जाता है। यहां हर समय पर्यटकों का आना- जाना लगा रहता है। कोदंड राम मंदिर कर्नाटक के बेल्लारी जिले के हम्पी में स्थित है।
भद्राचलम राम मंदिर (तेलंगाना)
यह मंदिर भगवान राम के जीवन से संबंधित विभिन्न घटनाओं को दर्शाता है। जिस जगह पर यह मंदिर स्थापित है उस क्षेत्र को भद्राचलम कहा जाता है। यहां राम नवमी के दिन भव्य समारोहों का आयोजन किया जाता है। इस मंदिर में भगवान राम और माता सीता की शादी की सालगिरह बड़े धूमधाम से मनाई जाती है।
सुंदर राम मंदिर (रामेश्वरम, तमिलनाडु)
यह मंदिर भगवान राम की सुंदरता और दिव्यता को प्रदर्शित करता है। साथ ही यहां की लंबी गलियां, सुंदर नक्काशी के स्तंभ और शानदार भव्य संरचना पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
राजा राम मंदिर (ओरछा, मध्य प्रदेश)
इस मंदिर में भगवान राम की राजा के रूप में पूजा की जाती है। रामराजा मन्दिर मध्य प्रदेश के ओरछा में स्थित है। यह एक पवित्र हिंदू तीर्थ स्थल है। यहां बड़ी संख्या में भक्तों का आगमन होता है। इसे आमतौर पर ओरछा मंदिर के रूप में भी जाना जाता है।
रामनाथस्वामी मंदिर (रामेश्वरम, तमिलनाडु)
रामनाथस्वामी मंदिर भगवान राम और शिव की भक्ति का संगम है। यह तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। यह तीर्थ स्थल भी हिन्दुओं के चार धामों में से एक है। इसके अलावा यहां विराजमान शिवलिंग बारह द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।
सीतामढ़ी राम मंदिर (बिहार)
इस मंदिर को सीता माता की जन्मभूमि और भगवान राम के साथ उनके संबंध का प्रतीक माना गया है। यहां नवरात्रि और राम नवमी त्योहारों के दौरान हजारों की संख्यां में भक्त दर्शन के लिए आते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर लगभग 100 साल पुराना है।