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काम के तनाव से बढ़ जाता है मौत का जोखिम, मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक

नौकरी व काम से संबंधित तनाव जीवन के लिए हानिकारक हो सकता है। काम के बोझ से समय पूर्व मृत्यु का 68 प्रतिशत जोखिम अधिक रहता है।

Jun 08, 2018 / 04:18 pm

सुनील शर्मा

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अध्ययन के मुताबिक, वयस्कों में काम ही तनाव का एक आम स्रोत है, जो इससे जुड़ी अन्य कई समस्याओं को जन्म देता है। कार्यस्थल का कुछ तनाव तो सामान्य होता है, लेकिन अत्यधिक तनाव आपकी उत्पादकता और प्रदर्शन दोनों को ही प्रभावित कर सकता है। यह आपके शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है और आपके रिश्तों व घरेलू जीवन को प्रभावित कर सकता है। यह नौकरी में सफलता और विफलता के बीच अंतर भी पैदा कर सकता है।
हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने बताया, ‘‘नौकरी के तनाव से शरीर की आंतरिक प्रणालियों में बाधा पडऩे पर दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। तनावग्रस्त श्रमिक अस्वास्थ्यकर भोजन, अल्कोहल और धूम्रपान तो अपना लेते हैं, मगर व्यायाम छोड़ देते हैं। यह सभी चीजें हृदय रोगों से जुड़ी हुई हैं। इन चीजों से हृदय गति में परिवर्तन बढ़ता है और दिल कमजोर होता जाता है। साथ ही कोर्टिसोल का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक स्ट्रेस हार्मोन है जो नकारात्मकता उत्पन्न करता है। रक्त में अधिक कोर्टिसोल होनेे पर रक्त वाहिकाओं और दिल को नुकसान पहुंच सकता है। काम और घर के बीच प्राथमिकताओं का टकराव होने से मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और इससे नशे की लत की संभावना बढ़ जाती है।’’
काम के अत्यधिक तनाव के संकेतों व लक्षणों में चिंता, चिड़चिड़ाहट, अवसाद, रुचि की कमी, अनिंद्रा, अन्य नींद विकार, थकान, ध्यान देने में परेशानी, मांसपेशियों में तनाव या सिरदर्द, पेट की समस्याएं, मिलने जुलने में अरुचि, सेक्स ड्राइव कम होना और नशे की प्रवृत्ति बढऩा प्रमुख है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया, ‘‘जीवनशैली में परिवर्तन और संतुलन महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इसके लिए एक और पहलू भगवान गणेश से सीखा जा सकता है। उनको तनाव प्रबंधन गुरु कहा जा सकता है। अगर भगवान कृष्ण पहले परामर्शदाता थे, जिन्होंने परामर्श के सिद्धांतों को पढ़ाया, तो भगवान गणेश ने हमें तनाव प्रबंधन के सिद्धांत सिखाए। हमें भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए और जब भी हमें किसी कठिनाई का सामना करना पड़े या तनाव हो, तो उनको याद कर लेना चाहिए।’’
डॉ. अग्रवाल ने कार्यस्थल तनाव का प्रबंधन करने के कुछ सुझाव देते हुए कहा, ‘‘सकारात्मक संबंध बनाएं और जब आप महसूस करें कि कोई काम हाथ से बाहर हो रहा है तो अपने सहयोगियों को आत्मविश्वास में लें। स्वस्थ खाने और नाश्ते से अपना दिन शुरू करें। यह न केवल आपको ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि आप तनाव से दूर रहें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पर्याप्त नींद लें और अपने सोने के समय में काम न करें। सुनिश्चित करें कि आप हर दिन एक ही समय में सोएं। हर दिन लगभग 30 मिनट शारीरिक व्यायाम करें। यह एंडोर्फिन हार्मोन जारी करेगा, जो आपके मूड को अच्छा बनाने में मदद कर सकता है। अपने काम को प्राथमिकता दें और व्यवस्थित करें। यह आप के किसी भी बैकलॉग से बचना सुनिश्चित करेगा।’’

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