Development Of Prime Minister Narendra Modi : ज्योतिषी वीरेंद्र रावल ने कहा कि ग्रहण को लेकर कई तरह की सावधानियों के बारे में भी कहा जाता है। सूर्य ग्रहण के दौरान हमें किन बातों का ख्याल रखना चाहिए और इनसे बचने के लिए हमें कौन कौन से उपाय करने चाहिए। इन सब के बीच ग्रहण की वजह से दूनिया के देश में तनाव बढेग़ा। इसके अलावा आंतक को पालने वाले, बढ़ावा देने वाले देश एक तरफ व दूसरी तरफ भारत सहित अन्य वो देश होंगे जो महात्मा गांधी की शांति की नीति पर चलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास के रास्ते को पसंद करते है। अंत में जीत भारत की ही होगी।
2020 Solar Eclipse : ज्योतिषी वीरेंद्र रावल ने बताया कि सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है और यह खगोलीय घटना हर साल होती है। हालाँकि इनकी संख्या में उतार-चढ़ाव बना रहता है। इस साल सूर्य ग्रहण दो बार घटित होगा। पहला सूर्य ग्रहण 21 जून 2020 को लग रहा है, जो कि वलयाकार होगा। 2020 का पहला सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य होगा। इसके अलावा यह दक्षिण-पूर्व यूरोप, हिंद महासागर, प्रशांत महासागर, अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका तथा दक्षिणी अमेरिका के अधिकांश हिस्से में भी दिखाई देगा। वहीं साल का दूसरा सूर्य ग्रहण साल के आखऱी माह यानि 14 दिसंबर को घट रहा है, यह पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। इस वर्ष का दूसरा सूर्य ग्रहण अफ्रीका महाद्वीप के दक्षिणी भाग, साउथ अमेरिका के अधिकांश भाग, प्रशांत महासागरीय क्षेत्र, अटलांटिक तथा हिन्द महासागर के अलावा अंटार्टिका में दिखाई देगा।
This Will Be The Time Of Solar Eclipse : ज्योतिषी वीरेंद्र रावल ने कहा कि पहला सूर्य ग्रहण 21 जून 2020 को सुबह 9 बजकर 15 मिनट 18 सैकेंड से शुरू होगा। ये ग्रहण करीब 6 घंटे रहेगा। ग्रहण दोपहर 3 बजकर 4 मिनट एक सैकेंड तक रहेगा। ये ग्रहण भारत, दक्षिण-पूर्व यूरोप, हिंद महासागर, प्रशांत महासागर, अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका तथा दक्षिणी अमेरिका के अधिकांश भाग में नजर आएगा। इन छह घंटो में दुनिया भर में कुछ समय के लिए अंधेरा हो जाएगा। जबकि दूसरा सूर्य ग्रहण 14 व 15 दिसंबर की शाम 7 बजकर 3 मिनट 55 सैकेंड से शुरू होगा व रात 12 बजकर 23 मिनट 3 सैकेंड तक रहेगा। ये ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। ये ग्रहण अफ्रीका महाद्वीप का दक्षिणी भाग, साउथ अमेरिका का अधिकांश भाग, प्रशांत महासागरीय क्षेत्र, अटलांटिक तथा हिन्द महासागर और अंटार्टिका में नजर आएगा।
Solar Eclipse 2020 Will Be In These Zodiac Signs : ज्योतिषी वीरेंद्र रावल ने बताया कि ज्योतिषीय गणना के अनुसार, साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण मिथुन राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लग रहा है। जबकि साल का दूसरा सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में घटेगा। ऐसे में जिन राशियों और नक्षत्रों में सूर्य ग्रहण लग रहा है उनसे संबंधित जातकों के ऊपर ग्रहण का सीधा प्रभाव देखने को मिलेगा। इसके अलावा ग्रहण का अन्य सभी राशियों पर भी अलग – अलग रूप में असर पड़ेगा। बता दे कि वैदिक ज्योतिष में सूर्य को आत्मा, पिता और राजा का कारक माना जाता है। इसलिए यह सभी ग्रहों में प्रधान ग्रह भी है। इसके अलावा सूर्य ग्रह को सरकारी सेवा में उच्च अधिकार वालों पदों का कारक भी माना जाता है। सूर्य को सिंह राशि का स्वामित्व प्राप्त है। यह मेष राशि में उच्च का, जबकि तुला राशि में नीच का होता है।
Solar Eclipse 2020 Precautions And Measures : ज्योतिषी वीरेंद्र रावल ने बताया कि शास्त्रों में ग्रहण को दोष माना गया है और आप जानते हैं कि दोष का परिणाम नकारात्मक होता है। ग्रहण काल में लगने वाला सूतक धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि जब ग्रहण का सूतक लग जाता है तो उस समय कई कार्य को करने की मनाही है। विज्ञान के मुताबिक भी यह कहा जाता है कि सूर्य ग्रह को नग्न आँखों से नहीं देखना चाहिए। हालांकि ऐसे कई कार्य हैं जो ग्रहण के सूतक के दौरान किए जाते हैं। ज्यादातर इसमें पूजा कर्म हैं। सूतक के दौरान कुछ विशेष सावधानियाँ बरतने की सलाह दी जाती है।
– सूतक के समय भोजन बनाना और खाना वर्जित होता है। इसलिए यदि सूतक लग जाए तो इन कार्यों को बिल्कुल भी न करें।
– सूतक के दौरान मल-मूत्र और शौच जाना भी ठीक नहीं होता है। इसलिए ग्रहण की अवधि इन कार्यों से बचें। ऐसा आप सूतक पहले या फिर बाद में कर सकते हैं।
– धार्मिक दृष्टि से ऐसा माना जाता है कि इस समय देवी-देवताओं की मूर्ति और तुलसी के पौधे का स्पर्श करना अशुभ होता है। अत: आपको ऐसा करने से बचना चाहिए।
– ग्रहण के समय दाँतों की सफ़ाई और बालों में कंघी नहीं करनी चाहिए।
– किसी भी महिला के गर्भ में जब शिशु पल रहा होता है तो उस महिला को अपनी सेहत के प्रति अधिक सावधानियां बरतनी चाहिए।
– ख़ास यदि सूर्य ग्रहण हो तो इसमें गर्भवती महिला को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ग्रहण के समय महिला को घर पर ही रहना चाहिए। उसे बाहर नहीं निकलना चाहिए।
Remedy During Solar Eclipse : ज्योतिषी वीरेंद्र रावल ने कहा कि सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ ऐसे भी कार्य हैं जिनको करने से ग्रहण दोष के प्रभाव शून्य या फिर बेहद कमज़ोर हो जाते हैं। ये कार्य एक प्रकार से उपाय होते हैं जिनकी सहायता से ग्रहण के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है।
– सूर्य ग्रहण से संबंधित मंत्रों के जाप से ग्रहण दोष से बचा जा सकता है।
– ग्रहण समाप्त हो जाने पर घर की शुद्धिकरण के लिए गंगाजल का छिड़काव करें अथवा गाय के गोबर से पोछा लगाएँ।
– ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें और देवी-देवताओं की मूर्तियों को भी स्नान कराएं तथा उनकी पूजा करें।
– सूतक काल समाप्त होने के बाद ताजा भोजन बनाएं और फिर उसे ग्रहण करें। यदि पहले से ही भोजन बनाकर रखा है तो उसमें तुलसी की पत्ती डालकर उसे शुद्ध करें।
ऊं आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात: Chant This Mantra In Solar Eclipse : ज्योतिषी वीरेंद्र रावल ने बताया कि सूर्य ग्रहण के दौरान यदि आप इस मंत्र का जाप 108 बार या फिर 1008 बार करते हैं तो आपको इसका लाभ मिलता है और सूर्य ग्रहण का दुष्प्रभाव नष्ट हो जाता है। इसके अलावा सूर्य ग्रहण का बीज और तांत्रिक मंत्र के जाप से जातक सूर्य ग्रहण के दोष से बच सकते हैं। वहीं जो जातक सूर्य ग्रहण के दौरान लगने वाले सूतक के समय सूर्य यंत्र की आराधना करता है तो उसे सूर्य ग्रह का आशीर्वाद प्राप्त होता है।