कुछ समय पहले तक नहीं था स्पष्ट कुछ समय पहले तक नौवीं से 12वीं तक के सरकारी और निजी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों की अपार आइडी बनाई जानी थी। इसे लेकर स्पष्ट नहीं था कि यह जिला शिक्षा केंद्र बनाएगा या राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन (रमसा) इस वजह से एक माह से ज्यादा समय तक इसका काम ही शुरू नहीं हो सका था।
12 अंकों की होगी आईडी सरकारी और निजी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थी की स्थायी शैक्षणिक आइडी होगी। 12 अंकों की यह आइडी बन जाने के बाद इसी नंबर से उस विद्यार्थी की पहचान होगी। इसके बाद आइडी में ही उसका पूरा बायोडाटा रहेगा। इसमें उसकी सारी जानकारी संग्रहित होगी।
यूडाइस पर आधारित यह आईडी यूडाइस पोर्टल पर आधारित होगी। विद्यार्थियों के लिए स्थायी शैक्षणिक आईडी ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक एकाउंट रजिस्ट्री (अपार) नाम से इसका निर्माण किया जाएगा। इसके निर्माण के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को जिला नोडल अधिकारी बनाया गया है।
यह आ रही है दिक्कत प्रत्येक छात्र के आधार नंबर के आधार पर अपार आईडी तैयार की जाएगी। इसके लिए माता-पिता की सहमति आवश्यक है। अपार आईडी में संग्रहित जानकारी को गोपनीय रखा जाएगा। समस्या यह है कि न तो बच्चे जानकारी दे रहे और न माता-पिता।
पूरी डिटेल रहेगी विद्यार्थी की – अपार आईडी में छात्रों का परीक्षा परिणाम – समय रिपोर्ट कार्ड, छात्रवृत्ति – सीखने के परिणामों के अलावा छात्रों की अन्य उपलब्धियां – विद्यार्थियों के माइग्रेशन प्रमाण पत्र
– विद्यार्थियों के क्रेडिट स्कोर विकासखंडवार स्थिति विकासखंड विद्यार्थी आईडी बनी प्रतिशत जावरा 49728 17884 35.96 पिपलौदा 23197 7885 33.99 रतलाम 109112 38925 35.67 सैलाना 30917 9391 30.14
आलोट 43337 11219 25.89 बाजना 36978 12519 33.86 कुल जिला 293268 97751 33.33 नोट – यह संख्या पहली से 12वीं तक के विद्यार्थियों की है। बैठकें लेकर ला रहे तेजी
निजी और सरकारी स्कूलों के बच्चों की अपार आइडी बननी है। इसके लिए लगातार निजी और सरकारी स्कूलों के प्राचार्यों की बैठकें ली जा रही है। अभी हमारे जिले में 33 फीसदी ही अपार आइडी बनी है।
अशोक लोढ़ा, एडीपीसी रमसा