टीम यह पता लगाएगी कि इनमें एनी डेस्क, एमी या अन्य रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल हैं या नहीं। इन सॉफ्टवेयर के उपयोग का समय और अन्य तकनीकी जानकारी जुटाई जाएगी, ताकि पहले हुई परीक्षाओं में भी गड़बड़ी का खुलासा हो सके।
नेटबूट पर परीक्षा करवानी चाहिए
विशेषज्ञों के अनुसार, परीक्षाएं नेटबूट सिस्टम के तहत आयोजित होनी चाहिए। नेटबूट से इंटरनेट डिसेबल रहता है, जिससे हैकिंग या रिमोट सॉफ्टवेयर के जरिए गड़बड़ी की संभावना समाप्त हो जाती है। एग्रीकल्चर ट्रेनी भर्ती परीक्षा नेटबूट के जरिए नहीं करवाई जा रही थी।
एक आरोपी हिरासत में, पूछताछ जारी
पुलिस के अनुसार परीक्षा सेंटर संचालक एक-दूसरे के लिए दलाली का काम करते हैं। परीक्षा आयोजित करने की अनुमति नहीं मिलने पर कुछ सेंटर संचालक अन्य सेंटरों से मिलकर नकल करने के लिए अभ्यर्थियों को चिह्नित करते हैं। पुलिस ने नकल के आरोप में एक अन्य व्यक्ति को हिरासत में लिया है, जबकि कुछ संदिग्धों से पूछताछ जारी है। हरियाणा निवासी परमजीत और जोगेंद्र की गिरफ्तारी के बाद यह पता चलेगा कि अन्य जिलों या राज्यों में भी नकल का यह रैकेट फैला हुआ है या नहीं।
एक सेंटर पर एफएसएल ने की जांच
प्रताप नगर स्थित टैगोर भारती स्कूल में आए परीक्षा सेंटर पर मंगलवार को एफएसएल टीम ने जांच की। हालांकि अभी एफएसएल ने जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी है। जबकि संदिग्ध जेएनएम नर्सिंग कॉलेज सहित नकल करवाने वाले वैदिक कॉलेज मानसरोवर, आइटी इन्फ्रा कूकस, हैरिटेज वायुना स्कूल खातीपुरा और द लॉरेंस स्कूल मानसरोवर परीक्षा सेंटर पर भी एफएसएल जांच करेगी।