दफ्तर भी यहां हो सकता है शिफ्ट
जिला परिवहन विभाग का कार्यालय हाईवे पर रामेश्वर महादेव मंदिर के पास संचालित हो रहा है। ऑटोमैट्रिक ड्राइविंग ट्रेक गुर्जरों का गुढ़ा में बनाया गया है। ऐसे में अब दोनों जगह बिजली का बिल, देखभाल आदि की जिम्मेदारी के चलते विभाग पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है, जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। ऐसे में यदि परिवहन विभाग के दफ्तर को वहीं पर शिफ्ट कर दिया जाए तो दोनों काम हो सकते हैं। वहीं चिल्डन ट्रेफिक पार्क का निर्माण बिल्कुल अलग जावद स्थित सिद्धार्थ नगर में करवाया है। इसके कारण उसकी भी सार-संभाल भी नहीं हो पा रही है।
22 लाख में हुई चारदीवारी
परिवहन विभाग के ड्राइविंग ट्रेक निर्माण के दौरान उसकी चारदीवारी की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। ट्रेक रोड से करीब चार से पांच फीट ऊंचा बनाने के कारण पुरानी चारदीवारी दब गई थी। इसके पश्चात चारदीवारी के निर्माण के लिए बजट की मांग की गई। इस पर करीब 22 लाख रुपए की लागत से चारदीवारी का निर्माण करवाया गया है।
कच्चा रोड, 50 लाख का मांगा बजट
परिवहन विभाग का ट्रेक बनकर तैयार है, लेकिन बारिश में वहां तक पहुंचना युद्ध जीतने के समान है। स्थिति यह है कि वहां तक पहुंचने के लिए रोड तक नहीं है। रेत के कारण दोपहिया वाहनों के वहां तक पहुंचने में परेशानी होती है। बारिश के दौरान पानी भर जाता है। ऐसे में वहां तक पक्की रोड की दरकार है, आरएसआरडीसी ने इसके लिए 50 लाख का बजट मांगा था, लेकिन अभी तक उसका भी अता-पता नहीं है।
कम्प्यूटर और सेंसर के लिए बजट का इंतजार
ट्रेक बनकर तो तैयार हो गया है। वहां पर लगने वाले सेंसर, कम्प्यूटर एवं अन्य उपकरणों का बजट नहीं आया है। वर्तमान में वहां पर ट्रॉयल आदि होती है। कार्यालय को यहां शिफ्ट करने के आदेश पर ही इसे शिफ्ट किया जा सकता है।