सस्ता भोजन मुफ्त बंटा तो मुश्किल वक्त में हजारों भूखों के भरे पेट
इन्दिरा रसोई योजना : राजसमंद व नाथद्वारा शहरी क्षेत्र में भोजन के दो लाख पैकेट वितरित
सस्ता भोजन मुफ्त बंटा तो मुश्किल वक्त में हजारों भूखों के भरे पेट
राजसमन्द. कोरोनाकाल में दाने-दाने को मोहताज हुए हजारों निर्धन और बेसहारा परिवारों के लिए इंदिरा रसोई योजना उम्मीद बनकर आई। राजसमंद और नाथद्वारा शहरी क्षेत्र में ‘कोई भी भूखा ना सोएÓ संकल्प के तहत दो लाख से ज्यादा भोजन के पैकेट मुफ्त बांटे गए, जिनसे हजारों लोगों को दो वक्त का भोजन मिल सका।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की जयन्ती पर बीते साल 20 अगस्त से इन्दिरा रसोई योजना को शुरू किया था। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में लगाए जनअनुशासन पखवाड़े में राज्य सरकार ने लॉकडाउन अवधि पूरी होने तक इन्दिरा रसोई के जरिए नि:शुल्क भोजन देने की घोषणा कर दी थी। इसके तहत जो भी व्यक्ति जो दिहाड़ी निर्धन, मजदूर, ठेला चालक व अन्य इन्दिरा रसोई पर बैठकर भोजन करने या पैकेट लेने जाता था, उसे निशुल्क भोजन दिया गया। अब बाजार खुलने के बाद 30 जून से यह सुविधा फिर से बंद कर दी है।
– नाथद्वारा में 25 हजार थाली वितरित
नाथद्वारा में अब तक लगभग 25 हजार थाली व भोजन पैकेट बांटे गए। नाथद्वारा में संचालित इन्दिरा रसोई के संचालक प्रकाशचन्द्र ने बताया कि नगर पालिका के अन्तर्गत 21 हजार नि:शुल्क भोजन थाली तथा चार हजार थाली इन्दिरा रसोई में आने वाले जरूरतमंदों को मुफ्त दी गई। वहां भोजन करने वाले को भी सम्मान के साथ बैठाकर भोजन करवाया गया। भोजन में मैन्यू के अनुसार अलग-अलग सब्जी व रोटी उपलब्ध करवाई जाती थी।
– राजसमंद में 1.82 हजार पैकेट
नगर परिषद की ओर से अब तक एक लाख 81 हजार 89 पैकेट व भोजन थाली बांटी गई। आयुक्त जनार्दन शर्मा ने बताया कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर में 1 लाख 81 हजार 89 संयुक्त रूप से पैकेट व भोजन थाली इंन्दिरा रसोई के माध्यम से नि:शुल्क उपलब्ध करवाई गई। शहर में प्रतिदिन 700 भोजन पैकेट भी उपलब्ध करवाए गए। अस्पतालों, आइसोलेशन सेन्टर्स एवं कोविड केयर सेन्टर्स में उपचाराधीन कोरोना संक्रमितों को भी इन्दिरा रसोई से नि:शुल्क भोजन दिया गया।
आमेट 3100 पैकेट
आमेट उपखंड में इन्दिरा रसोई के माध्यम से 3100 भोजन पैकेट बांटे व भोजन खिलाया। देवगढ़ उपखंड में भी भोजन वितरण किया।
8 रुपए भी कर दिए माफ
योजना के तहत पहले 20 रुपए की लागत में भोजन करने वाले को केवल 8 रुपए देने होते थे और 12 रुपए उस पर अनुदान देय था। फिर लॉकडाउन अवधि तक पूर्ण रूप से नि:शुल्क कर दिया था। रसोई में भोजन, लंच और डिनर के रूप में निर्धारित स्थानों पर प्रात: आठ से दोपहर एक बजे तक तथा रात्रि भोजन में शाम 5 से रात्रि 8 व 9 बजे तक भी भोजन वितरण किया।
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