यहां दुकान चलानी है तो मुझे हर माह बीस हजार रुपए देने होंगे। रुपए नहीं दिए तो दुकान बंद करवा दूंगा। आरोपी मुझे व मेरे पिता को डरा धमका कर कभी पांच सौ, कभी हजार रुपए ले जाता रहा है। आरोपी चिड़ी वैष्णव कभी कभी उसकी गैंग के साथ दुकान पर आकर दादागिरी से रूपयों की वसूली करता है। पांच दिन पहले आरोपी दुकान में घुसा व मेरे व पिता से गाली गलौच की। साथ ही जान से मारने की धमकी दी। शनिवार सुबह करीब 10:30 बजे जब मैं दुकान पर था, तब आरोपी अनाधिकृत रूप से घुस गया और गालियां निकालने लगा।
रूपयों की भी मांग की। रुपए देने से इनकार किया तो वह गाडी से लट्ठ व हाथ में फेट पहन कर वापस आया और दुकान में पड़ी मिठाई आदि को बिखेर दिया और काउंटर पर तोड़फोड़ की। जिससे मेरी दुकान में करीब ढाई लाख रुपए का नुकसान हुआ। यही नहीं आरोपी ने लट्ठ से मेरे पर हमला भी किया। मेरे बाएं कान की सोने की बाली खींच ली। दुकान पर काम कर रहे लोगों ने छुड़ाया। इसी बीच आरोपी किशनदास भी मेरी दुकान में घुस गया और गाली-गलौच कर दुकान में तोडफोड़ की। पुलिस ने इस संबंधम मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।