समाज ने शादी से पहले मेडिकल जांच अनिवार्य कर दी है। मतलब रिश्ते की बात से पहले युवक और युवती का हैल्थ चेकअप होता है। यदि कोई एक सिकलसेल संक्रमित है और दूसरा संक्रमित या वाहक है तो ऐसे प्रस्तावों को टाला जाता है। (cg news in hindi) कोई एक वाहक हो और दूसरा सामान्य हो तो ऐसी शादियों को मंजूर कर लिया जाता है। सिकलसेल चूंकि अनुवांशिक बीमारी है। ऐसे में 2 संक्रमितों के ब्याह से होने वाली संतानें भी इसकी चपेट में आएंगी।
क्यों गंभीर बीमारी है सिकलसेल हीमोग्लोबिनोपैथी लाल रक्त कोशिकाओं का आनुवांशिक रोग है। इसमें सिकलसेल एनीमिया और थैलेसीमिया शामिल हैं। (chhattisgarh news) सिकलसेल खून की ऐसी बीमारी है जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं जल्दी टूटती हैं इसके कारण एनीमिया व अन्य जटिलताएं जैसे वेसो – ओक्लूसिव क्राइसिस, फेफड़ों में संक्रमण, गुर्दे और यकृत की विफलता, स्ट्रोक आदि के कारण रूग्णता और मौत की संभावना होती है। सिकलसेल के रोगी दो तरह के होते हैं। पहला सिकलसेल वाहक और दूसरा सिकलसेल रोगी। सिकल सेल वाहक में गंभीर लक्षण नहीं होते, (raipur news) लेकिन यह एक असामान्य जीन को अगली पीढ़ी में संचारित करता है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को लगातार खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है।
हरदीहा साहू समाज इकलौता ऐसा समाज है जहां सभी वर-वधू को सामाजिक मंडप के नीचे शादी करनी पड़ती है। कोई कितना भी पैसे वाला हो, व्यक्तिगत खर्च पर शादी करने की मनाही है। फेरों से लेकर रिसेप्शन तक का इंतजाम समाज ही करता है। (cg news) समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी कहते हैं, शादियों में फिजूलखर्ची बढ़ गई है। कई बार लोग घर-जमीन गिरवी रखकर शादी करवा देते हैं। इस कुरीति को दूर करने सामाजिक विवाह अनिवार्य किया गया।
सिकलसेल जैसी गंभीर बीमारी को खत्म करने के लिए जागरूकता जरूरी है। ऐसे में हमने शादी से पहले मेडिकल जांच अनिवार्य करने का फैसला लिया। (cg hindi news) लोग भी इसकी गंभीरता को समझ रहे हैं। हंसी-खुशी चेकअप करवाकर रिश्ता तय कर रहे हैं।
– नंदे साहू, पूर्व अध्यक्ष, हरदीहा साहू समाज