हालात ये है कि लोको पायलटों को 18 से 20 घंटे तक बिना रेस्ट दिए ड्यूटी करने के लिए बाध्य किया जा रहा है। नतीजा, ट्रेन दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। (cg news) लांग आवर्स और लगातार रात में ड्यूटी कराने से लोको पायलट को झपकी लगने की वजह से ट्रेनों में टक्कर या पटरी से उतरने जैसी घटनाएं सामने आती है।
हैरानी ये कि रेल अधिकारी दुर्घटना के वास्तविक कारणों की अनदेखी करके मनमाने तरीके से दुर्घटना हो जाने पर सीधे नौकरी से बर्खास्त कर रहे हैं। (cg raipur news) आद्रा मंडल के ओंदाग्राम स्टेशन में ऐसी घटना 25 जून को सामने आई। उन्हें अपने बचाव का अवसर तक नहीं दिया गया और सीधे नौकरी से बर्खास्त करने की कार्रवाई की गई। ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के बैरन तले 6 जुलाई को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की सभी लॉबियों में काली पट्टी लगाकर लोको पायलट और सहायक लोको पायलटों ने काला दिवस मनाया।
रेलवे बोर्ड और जीएम को सौंपा ज्ञापन एसोसिएशन के मंडल सचिव जयशंकर शर्मा ने बताया कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में गेट मीटिंग के माध्यम से रनिंग स्टाफ ने दमनात्मक कार्रवाई के विरोध में नारेबाजी करते हुए रेलवे बोर्ड अध्यक्ष और रेल महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपा। उनकी मांग है कि आद्रा मंडल के ओंदाग्राम स्टेशन की घटना में लोको और सहायक लोको पायलट की बर्खास्तगी निरस्त की जाए। (raipur news) क्योंकि आरोपित लोको पायलट से पिछले एक महीने से 18 घंटे की लंबी ड्यूटी कराई जा रही थी।