मार्च के पहले हफ्ते में 2 हजार एक्टिव मरीज थे, आज 25,529 से अधिक हैं। 21-22 नवंबर 2000 को इतने एक्टिव मरीज रिपोर्ट हुए थे। हम 5 महीने पुरानी स्थिति में जा पहुंचे है। जबकि 3 हजार से अधिक मरीज सितंबर 2020 में मिल रहे थे, जब कोरोना पीक पर था। स्वास्थ्य विभाग ने इन हालात से निपटने के लिए अपने बंद पड़े सभी कोविड19 हॉस्पिटल खोल दिए हैं। खासकर रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर में। गौरतलब है कि महाराष्ट्र को छोड़ दें तो केरल, कर्नाटक, पंजाब और छत्तीसगढ़ में संक्रमण की रफ्तार लगभग बराबर बनी हुई है। इन चारों राज्यों में 25 हजार के ऊपर जा पहुंची है।
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जांच, इलाज और कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग पर मंथन
स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य स्तरीय कोविड-19 कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में कोरोना से बने हालात, उपचार की व्यवस्था, कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग और कोरोना टीकाकरण पर अधिकारियों के साथ मंथन किया। उन्होंने रोजाना 40 हजार सैंपलों की जांच, ऑक्सीजनयुक्त बेड की संख्या बढ़ाने और होम आइसोलेशन में रहकर इलाज करा रहे मरीजों द्वारा प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कोरबा, महासमुंद, कांकेर और कोरिया में आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए स्थापित वॉयरोलॉजी लैब की प्रगति की जानकारी ली। बैठक में विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु जी. पिल्ले, सचिव शहला निगार, आयुक्त डॉ. सीआर प्रसन्ना, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं नीरज बंसोड़, एमडी एनएचएम डॉ. प्रियंका शुक्ला और सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक कार्तिकेय गोयल मौजूद रहे।
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आंबेडकर अस्पताल को 500 बेड करने के आदेश
स्वास्थ्य विभाग ने आंबेडकर अस्पताल को पूरे 500 बेड फंक्शन में रखने के आदेश दिए हैं। साथ ही आईसीयू के अतिरिक्त बेड लगाने को कहा गया है। माना, लालपुर, आयुर्वेद कॉलेज में बने कोविड अस्पताल खोल दिए गए हैं। सभी निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती ही चली जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, मार्च के पहले सप्ताह में संक्रमण दर एक से नीचे थी। मगर, उसके बाद बढ़ता ही चला गया। यह नया ट्रेड बड़ी चिंता का विषय है। मैंने बीते दिनों हुई बैठक में 1000 आईसीयू बेड की तैयारी का प्रस्ताव दिया है।