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अभ्यर्थियों की लंबी कतार लग गई है। चार पद में दो जनरल, एक एसटी व एक ओबीसी केटेगरी के छात्रों के लिए है। देखने वाली बात होगी कि लिखित परीक्षा में कौन बाजी मारता है। पहले चार संविदा फिजियोथैरेपिस्ट सेवाएं दे रहे थे, जो जनरल केटेगरी के थे। इस पर सवाल भी उठ रहे थे। इसलिए अस्पताल प्रबंधन ने पुराने कर्मियों की सेवा खत्म कर 16 जुलाई को भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया।
प्रश्नपत्रों के लिए बनेगी कमेटी
आवेदकों की संख्या ज्यादा होने पर एचओडी व कमेटी ने लिखित परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। प्रश्नपत्र के लिए कमेटी बनाई जाएगी। साथ ही प्रश्न के मॉडल आंसर के लिए सरकारी फिजियोथैरेपी कॉलेज की मदद ली जाएगी। प्रबंधन का कहना है कि दस्तोवज सत्यापन में पात्र पाए जाने पर ही नियुक्ति की जाएगी। अपात्र पाए जाने पर नियुक्ति नहीं दी जाएगी। प्रतीक्षा सूची में आने वाले अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की भी जांच की जाएगी। ताकि टॉपरों के अपात्र पाए जाने पर वेटिंग वालों को मौका दिया जा सके।
डीकेएस के चारों फिजियोथैरेपिस्ट की सेवा खत्म किए जाने के बाद प्रबंधन फिजियोथैरेपी कॉलेज व आंबेडकर अस्पताल से मदद ले रहा है। वहां से फिजियोथैरेपिस्ट बुलाए जा रहे हैं। दरअसल डीकेएस में न्यूरो सर्जरी, न्यूरोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी, गेस्ट्रो सर्जरी, नेफ्रोलॉजी, यूरो सर्जरी व पीडियाट्रिक ऑर्थोपीडिक विभाग का संचालन चल रहा है।
इन सभी बीमारियों के मरीजों को ठीक करने के लिए फिजियोथैरेपी कराने की जरूरत पड़ती है। बिना फिजियोथैरेपी कराने से बीमारी को ठीक होने में समय लगता है। ऐसे में इलाज के बाद फिजियोथैरेपी की महत्वपूर्ण भूमिका हो जाती है। कई बार मरीज को सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती। डॉक्टर फिजियोथैरेपी कराने की सलाह देते हैं। ताकि मरीज ठीक हो सके।
डीकेएस अस्पताल के उप अधीक्षक डॉ. हेमंत शर्मा ने कहा चार पदों के लिए ज्यादा आवेदन आने से लिखित परीक्षा कराने का निर्णय लिया गया है। जो केटेगरीवार परीक्षा में टॉप करेगा, उन्हीं अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा।