इस्तीफे पर दिया यह बड़ा बयान
बृजमोहन अग्रवाल ने गुरुवार को मीडिया के सवालों के जवाब दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे मंत्री और सांसद में क्या रहना है पार्टी तय करेगी। अभी तो मैं छह महीने मंत्री रह सकता हूं। आगे जो भी फैसला होगा, वो पार्टी के निर्देश के अनुसार होगा। मुख्यमंत्री जिस दिन कहेंगे, उस दिन इस्तीफा दे दूंगा। दरअसल, गुरुवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में भाजपा के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल सभी नवनिर्वाचित सांसदों की बैठक ली। इसमें सांसदों से वन-टू-वन चर्चा कर चुनावी फीडबैक लिया। इसमें नवनिर्वाचित सांसद व मंत्री अग्रवाल भी पहुंचे थे।
बैठक के बाद अग्रवाल जब बाहर निकले, तो मीडिया ने उनसे इस्तीफे की बात छेड़ दी। अग्रवाल के जवाब के बाद जब सवाल हुआ कि क्या आगे बड़ी जिम्मेदारी आपको मिलने जा रही है? इस पर अग्रवाल ने कहा, जनता ने बड़ी जिम्मेदारी दे दी है। सांसद बना दिया है। अब विधायक और सांसद दोनों में से क्या रहना है, पार्टी जो निर्देश देगी वो करेंगे।
Brijmohan Agrawal On Resignation: मंत्री पद को लेकर क्या कहता है कानून
छत्तीसगढ़ में दिसंबर 2023 में बीजेपी की सरकार सत्ता में आई थी। विष्णुदेव साय सरकार में बृजमोहन अग्रवाल ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी। अब वह सांसद चुने गए हैं। सांसद चुने जाने के बाद एक पद से इस्तीफा देना जरूरी है। हालांकि नियम यह कहता है कि कोई भी व्यक्ति बिना चुने हुए भी केंद्र या राज्य में मंत्री नियुक्त किया जा सकता है। इसकी शर्त यह है कि नियुक्ति व्यक्ति को छह महीने के अंदर उसका सांसद या विधायक चुना जाना जरूरी है। बता दें कि अभी तक के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है कि किसी व्यक्ति ने विधायक पद से इस्तीफा दिया है और वह मंत्री बना रहा हो।