आरोपियों ने देशभर में 84 करोड़ रुपए से ज्यादा की ऑनलाइन ठगी की है। विशेष अभियान की मॉनीटरिंग आईजी कर रहे थे। अभियान में रेंज साइबर थाना सहित 100 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल थे। 20 टीमें बनाकर पुलिस ने राजस्थान, उडीसा, रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव व महासमुंद में छापा मारा था।
Cyber Crime: ये आरोपी हुए गिरफ्तार
नवा रायपुर के हॉस्टल में रहने वाले नाइजीरियन नागरिक एबदुलाजीज बेना राबीयू, मोह. बसीर सुलेमान और अमीनू गरबा के अलावा राजस्थान के विजय सिंह मीणा, ओडिशा से शिवा राव, सुरेश राव, रायपुर से मेहुल विज, देवेंद्र सेन, सौरभ पाल, राजनांदगांव से गजेंद्र वर्मा, अफजल खान, प्रवीण कुमार ठाकुर, शेख जीशान, धनेश सेन, शुभम दत्ता, तनिष्क सिंह भाटिया, अरविंद चौरे, रजत श्याम कुंवर, हरीश ध्रुवे, रोशन वर्मा, कमलेश उईके, उमेश तड़स, रायपुर से अशोक लाल बघेल, हरीश सोनकर, तुलसी तांडी, वासु पटेल, दीपक पटेल, दीपक कपूर, पुरूषोत्तम बजाज है।
साथ ही सूरज सक्सेना, राहुल नायक, ललित बंश्रे, समीर जनबंधु, प्रीति साहू, लोकेश्वर चंद्राकर, मनोज धीवर, गौतम भारती, टेमन हियाल, उपासना जगत, भारती बाघ, वीणा तांडी, डी कामराजू, कल्पना खरे, राहुल शर्मा, श्रेया यादव, दीपक छुरा, प्रेमदास मानिकपुरी, आयुष सागर, पंकज भोंडलेकर, नवीन गोस्वामी, भीमाशंकर नायक, संदीप डोंडेकर, अजय निर्मलकर, इंद्र कुमार साहू, अभय अडवानी, सूर्यकांत मंझवार, सत्यम देवानी, सौरभ शर्मा, संगीता मांझी, यमन बंजारे, बिलासपुर से सिप्रियन जैकब और गोविंद यादव शामिल हैं।
पीड़ितों को 2 करोड़ वापस मिले
पिछले 6 माह में साइबर ठगी के मामलों में रेंज
साइबर पुलिस ने कुल 4 करोड़ रुपए होल्ड कराया है। इसमें से 2 करोड़ रुपए पीड़ितों को कोर्ट के जरिए वापस कराया गया है। बाकी होल्ड राशि को वापस करने न्यायालय में मामला विचाराधीन है।
क्या है यूल खाता
साइबर ठगी या अन्य किसी फ्रॉड की राशि को ट्रांसफर करने के लिए कमीशन पर अपना बैंक खाता देना, यूल बैंक खाता होता है। कई बैंक खाताधारक 10 से 20 फीसदी कमीशन लेकर अपने बैंक खातों को साइबर ठगों या उनके सहयोगियों को दे देते हैं। इससे ठगी का पैसा उन बैंक खातों में जमा होता है। खाताधारकों को उनका कमीशन देकर बाकी रकम साइबर ठगों तक पहुंच जाता है। पुलिस की जांच में ऐसे सैकड़ों बैंक खातों को पता चला है।
पुलिस उनकी तलाश में लगी है।
यूल खाता उपलब्ध न कराएं
आईजी अमरेश मिश्रा का कहना है कि साइबर ठगी करने वालों के खिलाफ पुलिस विशेष अभियान चला रही है। इसमें कई यूल बैंक खातों का पता चला है। साइबर ठगों के साथ ही ऐसे बैंक खाते उपलब्ध कराने वालों की भूमिका की भी पुलिस जांच कर रही है। कमीशन के लालच में कोई अपने बैंक खातों को
साइबर ठग या अन्य किसी आर्थिक अपराध से जुड़े व्यक्ति का न दें। इसका दुरुपयोग होता है। इससे बैंक खाताधारक की भूमिका भी संदिग्ध हो जाती है।
इन मामलों से जुड़े हैं आरोपी
भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा संचालित भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र के पोर्टल के माध्यम से रिपोर्टेड उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक शाखा रायपुर में यूल बैंक खातों का पता चला था। इसमें ठगी के 36 लाख 48 हजार 488 रुपए जमा हुआ था। इस मामले में यूल बैंक खाता उपलब्ध कराने वाले 47
आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
गुढ़ियारी इलाके के उमाकांत वर्मा से गूगल रिव्यू टास्क के नाम से 50 लाख की ऑनलाइन ठगी हुई थी। इस मामले में 3 आरोपियों को पकड़ा गया है। विधानसभा इलाके के अतुल अग्रवाल से शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 19 लाख की ऑनलाइन ठगी हुई थी। इसमें 5 आरोपियों को गिरतार किया गया है।
आजाद चौक इलाके में प्रार्थी पूजा साहू से डीएड एडमिशन फॉर्म फीस के नाम पर 48 हजार रुपए की ऑनलाइन ठगी हुई थी। इसमें 2 आरोपियों को गिरतार किया गया। पंडरी इलाके की बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट करके 58 लाख की ऑनलाइन ठगी हुई थी। इस मामले में 1 आरोपी को गिरतार किया गया है।
टिकरापारा इलाके में जितेंद्र साहू से शेयर ट्रेडिंग में इन्वेस्ट कर मुनाफा कमाने के नाम पर 8.5 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी हुई थी। इस मामले में 3 आरोपियों को गिरतार किया गया। खहारडीह में डॉक्टर अविनाश से क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट कर मुनाफा कमाने के नाम से 2.5 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी हुई थी। इस मामले में 1 आरोपी को गिरतार किया गया है।