पिछले कुछ वर्षों से बोर्ड का परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद स्कूल व विषयवार परिणाम की समीक्षा करने के बाद गुणवतता में सुधार के लिए हर वर्ष नए-नए गतिविधियां आयोजित की जाती थी, लेकिन इस बार बोर्ड द्वारा परिणाम घोषित करने के बाद विभाग के अधिकारियों को अब तक स्कूलों का विषयवार जानकारी एकत्र करने में सफलता नहीं मिली है। लोकसभा चुनाव की मतगणना समाप्त होने के बाद पहली बैठक में ही कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने डीईओ को बोर्ड के परिणाम की समीक्षा कर अच्छे परिणाम देने वालों को प्रोत्साहित करने व कमजोर परिणाम देने वालों पर सख्ती बरतने का निर्देश दिया।
इस निर्देश को करीब पखवाड़ा भर हो गया लेकिन अब तक समीक्षा नहीं हो पायी है। इतना ही नहीं अब तक तो नया शिक्षण सत्र चालू हो गया होता, लेकिन गर्मी को देखते हुए ग्रीष्मकालीन अवधी बढ़ने के कारण नया सत्र चालू नहीं हो पाया है, बढ़े अवधी को भी कुछ ही दिन शेष रह गया है, लेकिन अब तक विभाग गुणवत्ता सुधारकर इस बार बोर्ड परीक्षा के परिणाम में सुधार करने के लिए कवायद करना तो दूर समीक्षा ही नहीं किया गया है।
विभाग के अधिकारियों की माने तो लगभग सभी जगहों से जानकारी मिलना बताया जा रहा है, लेकिन दो विकासखंड लैलूंगा व खरसिया से जानकारी न मिल पाना बता रहे हैं इसके कारण समीक्षा नहीं हो पा रही है। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी बी बाखला का कहना है कि कुछ जगहों से जानकारी नहीं मिल पायी है। संबंधित बीईओ को जानकारी भेजने कहा गया है। सत्र चालू होने के पूर्व ही समीक्षा बैठक रखी जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में परिणाम ज्यादा प्रभावित पिछले कुछ वर्षों के रिकार्ड पर गौर किया जाए तो 10 वीं व 12 वीं बोर्ड के परिणाम में टॉपर की सूची देखा जाए तो अधिकांश तौर पर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे रहते हैं, इस बार दोनो ही कक्षा के टॉप टेन की सूची में जिले की स्थिति काफी खराब हुई है।