ज्यादातर अभ्यर्थियों को सीधी भर्ती परीक्षाओं में केवल इंटरव्यू के आधार पर भर्तियां कर ली जाती थी। इसमें तमाम गड़बड़ियों के आरोप लगते थे। आयोग की ऐसी तमाम सीधी भर्ती के परीक्षा में जो सवालों के घेरे में है। जो सीबीआई जांच के दायरे में है। इंटरव्यू में किस अभ्यर्थी ने कैसा प्रदर्शन किया इसका कोई रिकार्ड आयोग के पास नहीं होता था। भर्तियों को भी केवल उनके शैक्षिक अभिलेख के आधार पर इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता था। ऐसे में योग्य होने के बावजूद कई अभ्यर्थियों के स्नातक परास्नातक में अंक कम होने के कारण व साक्षात्कार से दूर रह जाते थे।
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स्क्रीनिंग परीक्षा केवल उन्हीं सीधी भर्तियों में होती थी जहां पदों और आवेदनों की संख्या काफी अधिक होती थी। इन्हीं खामियों को दूर करने के लिए आयोग ने सभी सीधी भर्तियों में स्क्रीनिंग परीक्षा कराने का फैसला किया है।इसके साथ ही आयोग ने पहले यह निर्णय लिया था कि जिसके तहत सभी स्क्रीनिंग परीक्षाओं में माइनस मार्किंग भी लागू की गई है। ऐसे में सीधी भर्ती भी अभ्यर्थियों के लिए अब आसान नहीं रह जाएगी। अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में शामिल होने के लिए लिखित व स्कैनिंग परीक्षा देनी होगी उसमें माइनस मार्किंग का सामना करना होगा ।बेहतर प्रदर्शन के आधार पर अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में शामिल होने का मौका मिलेगा ।अब सीधे तौर तक मनमाने तरीके से अभ्यर्थियों का चयन सीधी भर्ती में भी नहीं हो सकेगा। इस पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए आयोग ने निर्णय लिया है।