पर्यटकों को लुभाते हैं घाट
महाकुंभ (Maha Kumbh 2025) आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की गतिविधियों का प्रमुख केंद्र गंगा और यमुना के घाट होते हैं। इन घाटाें पर गंगा और यमुना की पावन धारा में श्रद्धालु डुबकी लगाते हैं। ऐसे में योगी सरकार इन घाटों का कायाकल्प कर रही है। जल निगम के कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन डिवीजन की तरफ से गंगा और यमुना नदी के इन सात घाटों को नया स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। प्रोजेक्ट मैनेजर रोहित कुमार राणा ने बताया कि 11.01 करोड़ की लागत से घाटों का कायाकल्प किया जा रहा है। प्रोजेक्ट का कार्य समापन पर है।
7 घाटों का किया जा रहा है कायाकल्प
गंगा और यमुना नदी के जिन 7 घाटों का कायाकल्प किया जा रहा है, उनमें बलुआ घाट, कालीघाट, रसूलाबाद घाट, छतनाग घाट झूंसी, नागेश्वर घाट झूंसी, मौज गिरी घाट और पुराना अरैल घाट शामिल हैं। इन घाटों में मौजगिरी घाट का 90 फीसदी, नागेश्वर घाट का 85 फीसदी, छतनाग घाट का 90 फीसदी, रसूलाबाद घाट का 80 फीसदी, बलुआ घाट का 80 फीसदी, पुराना अरैल घाट का 93 फीसदी और कालीघाट का 85 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। 30 नवंबर के पहले सभी घाटों का सौंदर्यीकरण और सुविधा विस्तार का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
क्या-क्या होगा घाटों पर नया?
कुंभ मेला प्रशासन की प्राथमिकता महाकुंभ (Maha Kumbh 2025) में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को उच्च दर्जे की सुविधा प्रदान करना है। ऐसे में घाटों का आधुनिकीकरण और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। वहीं इन घाटों को सुदंर और स्वच्छ बनाने के लिए हरित पट्टी को भी विकसित किया जा रहा है। इन घाटों पर छतरी, हाईमास्ट, पेयजल आदि की व्यवस्था की जा रही है। वहीं स्वच्छ पानी के लिए आरओ को लगाया गया है, जबकि सचल टॉयलेट और चेंजिंग रूम की भी व्यवस्था की गई है। इसी तरह बैठने के लिए बेंच की भी व्यवस्था की जा रही है।