एसटीएफ सीओ नावेंदु सिंह के मुताबिक गिरफ्तार अनुराग मिश्रा बांदा के कालिंजर क्षेत्र के तलहटी गांव का रहने वाला है। वह कुख्यात पप्पू यादव गिरोह का सक्रिय सदस्य था। पप्पू भी उसके ही गांव का रहने वाला था। यह सभी मिलकर 2003 में कालिंजर क्षेत्र में गोलियां बरसा कर बारात से लौट रहे 8 लोगों की हत्या कर लूटपाट की गई थी इस मामले में यह भी आरोपी था।
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एसटीएफ सीओ नावेंदु सिंह के मुताबिक 23 जनवरी 2003 की सुबह पप्पू यादव गिरोह ने गोलियां बरसा कर बारात से लौट रहे 8 लोगों की हत्या कर लूटपाट की थी। इस घटना में कई लोग घायल हुए थे। पुलिस ने मुकदमा लिख कर विवेचना के बाद चार्जशीट दाखिल की तो कोर्ट ने गिरफ्तार अनुराग मिश्रा समेत पांच अपराधियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। सजा सुनाए जाने के बाद ही 2012 में कोर्ट से जेल ले जाते वक्त अनुराग मानिकपुर रेलवे स्टेशन के पास से पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था। उसकी गिरफ्तारी पर डीजीपी यूपी की तरफ से 50 हजार का इनाम और रीवा के आई जी की तरफ से 15 हजार का इनाम घोषित किया गया था।
एसटीएफ लगातार उस पर नजर रखी थी यूपी के साथ ही एम पी पुलिस को उसकी तलाश थी। एसटीएफ को भनक लगी कि अनुराग यूपी के महोबा मध्य प्रदेश के छतरपुर उत्तराखंड के चंपावत में नाम बदलकर अपनी फरारी काट रहा है। फरारी के दौरान ही उसने अपनी प्रेमिका से शादी कर ली थी। जिससे दो बच्चे हैं पत्नी बच्चों को महोबा में रखा है। इसी बीच एसटीएफ को सोमवार को सूचना मिली कि अनुराग किसी वारदात के इरादे से प्रयागराज के नैनी क्षेत्र में हैं। सक्रिय हुई एसटीएफ टीम को पता चला कि अनुराग नैनी थाना क्षेत्र की तरफ आया है। इसके बाद एसटीएफ के इंस्पेक्टर अतुल सिंह ने टीम के साथ घेराबंदी की तो उसने फायरिंग कर दी। जिसके बाद पुलिस ने अवैध पिस्टल और कारतूस के साथ अनुराग मिश्रा को गिरफ्तार किया है। जिसके पास से एक मोबाइल बरामद हुआ है नैनी थाने में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
एसटीएफ सीओ नावेंदु सिंह ने बताया कि अनुराग मिश्रा के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। पप्पू यादव गिरोह बेहद खतरनाक गिरोह था। जिसका यह सक्रिय सदस्य था। लंबे समय से पुलिस को उसकी तलाश थी जिसकी गिरफ्तारी प्रयागराज से की गई है।