गीतकार नीरज के गीतों से गुलजार हुई प्रतापगढ़ की शाम
प्रतापगढ़. ‘आंसू जब सम्मानित होंगे, मुझको याद किया जाएगा, जहां प्रेम की चर्चा होगी, मेरा नाम लिया जाएगा।’ गीतों के राजकुमार पद्मभूषण डॉ. गोपालदास नीरज की रचनाओं में दर्द और प्रेम की अभिव्यक्ति एक साथ देखने को मिलती थी। नीरज ने दुनिया को भले ही अलविदा कह दिया हो, लेकिन उनके गीत हमेशा लोगों की जुबां पर रहेंगे, दिलों में गुनगुनाए जाएंगे और मंचों से सुनाए जाएंगे। यह बात कार्यक्रम के सूत्रधार सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य जगदीशचन्द्र शर्मा ने ‘एक शाम-नीरज के नाम’ गीत, गज़ल और संगीत समारोह के अवसर पर कही।
गीतकार नीरज के गीतों से गुलजार हुई प्रतापगढ़ की शाम
प्रतापगढ़. ‘आंसू जब सम्मानित होंगे, मुझको याद किया जाएगा, जहां प्रेम की चर्चा होगी, मेरा नाम लिया जाएगा।’ गीतों के राजकुमार पद्मभूषण डॉ. गोपालदास नीरज की रचनाओं में दर्द और प्रेम की अभिव्यक्ति एक साथ देखने को मिलती थी। नीरज ने दुनिया को भले ही अलविदा कह दिया हो, लेकिन उनके गीत हमेशा लोगों की जुबां पर रहेंगे, दिलों में गुनगुनाए जाएंगे और मंचों से सुनाए जाएंगे। यह बात कार्यक्रम के सूत्रधार सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य जगदीशचन्द्र शर्मा ने ‘एक शाम-नीरज के नाम’ गीत, गज़ल और संगीत समारोह के अवसर पर कही।
यहां बगवास स्थित आदर्श विद्या मंदिर के सभागार में आयोजित समारोह में पद्मभूषण डॉ. नीरज के लिखे हुए फिल्मी गीतों की प्रस्तुति सरगम विजऩ सोसायटी के अध्यक्ष राकेश सोनी ने ‘खिलते है गुल यहां, खिल के बिखरने को‘ सचिव जगदीशचन्द्र पण्ड्या ने ‘फुलों के रंग से दिल की कलम‘ सहसचिव शत्रुघ्न शर्मा ने ‘मेरा मन प्यासा‘ आदर्श विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य राजेन्द्र शर्मा ने ‘मेघा छाए आधी रात‘ ललित विश्नावत ने ‘ओ मेरी शर्मीली‘ प्रदीप शर्मा ने ‘दिल आज शायर है‘ इत्यादि गीतों की शानदार प्रस्तुति दी।
गानों की प्रस्तुति के दौरान कार्यक्रम में आमन्त्रित स्थानीय कविगण सुरेन्द्र सुमन, चन्द्रप्रकाश द्विवेदी, मयुर स्कूल के प्रधानाध्यपक कुंवर प्रतापसिंह, सुरेश ‘सूरज‘ शिल्पकार इत्यादि ने अपनी रचनाओं से पद्मभूषण डॉ. गोपालदास नीरज को श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्य अतिथि सुरेशचन्द्र द्विवेदी, अध्यक्ष राजेन्द्र शर्मा एवं विशिष्ठ अतिथि दिनेशचन्द्र त्रिवेदी ने मां सरस्वती एवं पद्मभूषण डॉ. गोपालदास नीरज के चित्र पर पुष्प अर्पित एवं द्वीप प्रज्ज्वलित कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की शुरूआत प्रतापगढ़ के जाने-माने गायककार ललित विश्नावत द्वारा प्रस्तुत भजन से हुई, वहीं समाप्ति पर पैरोडी गाकर विश्नावत ने श्रोताओं का मनमोह लिया।
इस अवसर पर आयुर्वेद विभाग के सेवानिवृत्त उपनिदेशक डॉ. किशोरचन्द्र पाठक, सरगम विजऩ सोसायटी के संयोजक कमलेश नागर, ललित राठौर सहित कई सुधि श्रोताओं ने अपनी उपस्थित दर्ज करवाई।
कार्यक्रम का संचालन सूत्रधार जगदीशचन्द्र शर्मा ने किया जबकि आभार विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेन्द्र शर्मा ने जताया।
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