परंपरा के अनुसार लठमार होली के एक दिन पहले रात में ही पुरुष खेत में 8 0 किलो गेहूं से भरी बोरी बांधते हैं। उसके ऊपर नगाड़ा बांधा जाता है। टांडा के माधु लबाना नायक ने बताया कि यह आयोजन कई दशकों से चलता आ रहा है। इस उत्सव को भगवान शिव का वरदान मानने के कारण लबाना समाज मनाता आ रहा है। इस दौरान यहां ब्रज की संस्कृति देखने को मिलती है। प्रतापगढ़ शहर सहित आसपास के लोग बड़ी संख्या में उत्साह से भाग लेते हैं।