आरजेडी खाता भी नहीं खोल पाई बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में एनडीए ने बिहार में ऐतिहासिक सफलता हासिल की थी। जबकि आरजेडी की अगुआई वाले महागठबंधन को तगड़ा झटका लगा था। जहां कांग्रेस को केवल एक सीट से संतोष करना पड़ा वहीं एक दौर में बिहार पर राज करने वाली राष्ट्रीय जनता दल का खाता भी नहीं खुला। ऐसे में हार की जिम्मेदारी तेजस्वी पर आ गई थी। ऐसा इसलिए कि आरजेडी ने लोकसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा था।
प्रियंका ने कहा- राहुल जो तुमने किया, ऐसी हिम्मत कुछ लोगों में ही होती है इस बात के लिए हुई तीखी आलोचना इतना ही नहीं लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद तेजस्वी यादव काफी समय तक राजनीतिक पटल से गायब रहे। जेडीयू और भाजपा नेताओं ने इस पर सवाल भी उठाए। चमकी बुखार के दौरान विपक्ष की आवाज बुलंद नहीं करने पर लोगों ने आरजेडी नेताओं की तीखी आलोचना की थी।
पूर्ण बजट में झलकेगा पीएम मोदी का किसान प्रेम, क्रेडिट कार्ड पर मिल सकता है ब्याजरहित लोन महेश्वर यादव ने की थी इस्तीफे की मांग लोकसभा चुनाव के बाद आरजेडी को मिली करारी हार के बाद पार्टी के नेता महेश्वर यादव ने तो तेजस्वी यादव से इस्तीफे की मांग कर दी थी। पार्टी के विधायक महेश्वर यादव ने कहा था कि अगर तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे तो पार्टी में विद्रोह भी हो सकता है।