एम करुणानिधि को श्रद्धांजलि देने पहुंचे दिग्गज, रात से ही उमड़ रहा समर्थकों का सैलाब
मद्रास हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी सबकी नजर, करुणानिधि को मरीना बीच पर दफनाया जाएगा या नहीं
करुणानिधि की इच्छा थी कि उनकी और उनकी पत्नी के निधन के बाद उनके पैतृक गांव वाली जमीन पर एक हॉस्पिटल का निर्माण कराया जाए, जहां मुफत इलाज की सुविधा हो। यही नहीं करुणानिधि अपने चेन्नई स्थित आवास को भी हॉस्पिटल में बदलना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने अपने चेन्नई वाले आवास को 2010 में हॉस्पिटल निर्माण के लिए दान कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने 1968 में अपने बेटे अलागिरी, स्टॉलिन और तमिलारसु के नाम पर खरीदे घर को भी 2009 में ट्रस्ट के नाम कर दिया। यही सब वजह हैं कि जनता उनको भगवान की तरह पूजने लगी।
करुणानिधि की फिल्मों के नायक हुआ करते थे एमजीआर, इन अभिनेताओं का संवारा करियर
डीएमके चीफ करुणानिधि के निधन पर देश में आज राष्ट्रीय शोक, आधा झुका रहेगा राष्ट्र ध्वज
करुणानिधि ने केवल 13 बार विधायक चुनकर आए, बल्कि पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री भी रहे। उनके राजनीतिक करियर ने बुलंदियों को छुआ और जनता ने भी उनको अपना सिरमोर बनाया। उनसे जुड़ी एक अनोखी बात यह भी है कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के समय से लेकर वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक के कार्यकाल में भी जनता ने उनको अपना प्रतिनिधि चुना।