बता दें कि ममता बनर्जी की सरकार ( Mamata Banerjee Government ) ने पश्चिम बंगाल का नाम बदलने को लेकर केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव दिया था, जिसे गृह मंत्रालय ने ठुकरा दिया है। गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि पश्चिम बंगाल का नाम नहीं बदला जाएगा।
पक्षपातपूर्ण रवैया बता दें कि 26 जुलाई, 2018 को पश्चिम बंगाल विधानसभा ने राज्य का नाम सबसे अधिक बोली जाने वाली तीन भाषाओं- बंगाली, हिंदी और अंग्रेजी में बदलकर बांग्ला करने का सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था।बनर्जी ने कहा कि भाजपा अपने हितों के हिसाब से करीब-करीब रोज ऐतिहासिक स्थलों और संस्थानों का नाम एकतरफा तौर पर बदल रही है लेकिन जब बंगाल की बारी आती है तो मोदी सरकार का रवैया बिल्कुल अलग हो जाता है।
BJP के 40 सांसदों से आज अपने आवास पर मिलेंगे पीएम मोदी, जनहित में काम करने का देंगे गुरु मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर बांग्ला ( Bangla ) करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने में कथित रुप से कदम पीछे खींचने के लिए केंद्र की आलोचना भी की थी।
चौथी बार खारिज हुआ प्रस्ताव ममता बनर्जी सरकार ( Mamata Banerjee Government ) पश्चिम बंगाल का नाम बदलने ( West Bengal name change ) को लेकर तीन बार प्रस्ताव रख चुकी है। उसने 2011-12 में पश्चिमबंगा नाम का सुझाव रखा था जिसे केंद्र ने ठुकरा दिया गया था। 2016 में उसने राज्य का नाम अंग्रेजी में Bengal, बंगाली में बांग्ला और हिंदी में बंगाल रखने का प्रस्ताव रखा, उसे भी ठुकरा दिया गया था। आखिर में उसने जुलाई 2018 में बांग्ला नाम का प्रस्ताव रखा था जिसे ठुकरा दिया गया। अब एक बार फिर गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल का नाम बांग्ला ( Bangla ) रखने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।